छत्तीसगढ़ सरकार में केवल इंसानों ही नहीं बल्कि पशुओं और गौवंश की सेहत का भी पूरा ध्यान रख रही है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में सरकार ने पशुओं के घर पहुंच इलाज के लिए गौवंश मोबाइल चिकित्सा यूनिट शुरू शुरुआत की है. राज्य के नागरिकों के लिए शुरू की गई मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लिनिक योजना और मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के बाद अब ईलाज की घर पहुंच सेवा पशुओं के लिए भी दी जा रही है.

योजना के शुरु होते ही रायपुर जिले के चारो विकासखण्डों के लिए एक-एक सुसज्जित मोबाईल वेटनरी यूनिट सक्रिय हो गई है. तिल्दा विकासखण्ड के कोदवा गांव पहुंचकर डाॅ. ललित कुमार साहू ने इस यूनिट से गौवंशीय पशुओं का ईलाज किया. वहीं आरंग विकासखण्ड के पारागांव गौठान में मोबाईल यूनिट के माध्यम से पशुओं का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया. सीएम भूपेश बघेल ने 20 अगस्त को ही ऐसी 163 मोबाईल वेटनरी यूनिट्स का शुभारंभ किया है. अब जिले के कोई भी पशुपालक अपने पशुओं के बीमार होने पर इस मोबाईल वेटनरी यूनिट को अपने घर तक भी बुला सकेंगे. जिससे पशुओं को भी समय पर ईलाज मिल सकेगा.

मोबाईल वेटनरी यूनिट्स में पशुओं के डाॅक्टर के साथ पैरावेट और हेल्पर भी मौजूद हैं. हर विकासखण्ड के लिए एक यूनिट आवंटित की गई है. जिसका संचालन रोस्टर के आधार पर विकासखण्ड के हर गांव-गौठान में किया जाएगा. मोबाईल मेडिकल यूनिट से सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक पशुओं का ईलाज होगा. मोबाईल यूनिट गांव-गौठान में पहुंचकर पशु चिकित्सक पशुओं का स्वास्थ्य परीक्षण करेंगे. वहीं जरुरत होने पर दवाईयां, इंजेक्शन आदि से बीमार पशुओं का ईलाज किया जाएगा. इसके साथ ही मोबाईल मेडिकल यूनिट में पशुओं के टीकाकरण और कृतिम गर्भाधान के लिए भी टीके, लिक्विड नाइट्रोजन गैस, सीमेन की व्यवस्था भी रहेगी.

मोबाईल वेटनरी यूनिटों के संचालन के लिए राज्य स्तर पर काॅल सेंटर भी स्थापित किया गया है. जिसका टोल फ्री नं. 1962 है. टोल फ्री नम्बर पर फोन कर पशुपालक अपना पता, लोकेशन आदि बताकर बीमार मवेशी के ईलाज के लिए मोबाईल वेटनरी यूनिट बुला सकेंगे. ये काॅल सेंटर हर दिन सुबह 8 से शाम 4 बजे तक संचालित रहेगा. इस काॅल सेंटर से पशुपालकों को पशुधन विकास और पशु स्वास्थ्य संबंधी गतिविधियों की जानकारी आदि भी दी जाएगी. मोबाईल वेटनरी यूनिट्स में जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम भी लगाया गया है. जिससे राज्य स्तर पर मोबाईल यूनिट का ऑनलाइन रियल टाईम लोकेशन भी देखा जा सकेगा. निश्चित ही सरकार की ये पहल पशु सेवा और उन्हें पहुंचाई जाने वाली सेवाओं के लिए मील का पत्थर साबित होगा.

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