रायपुर। छत्तीसगढ़ में सत्याग्रह आंदोलन की शुरुआत कंडेल नहर सत्याग्रह से हुई थी. इसी कंडेल नहर सत्याग्रह के प्रणेता छोटेलाल श्रीवास्तव की आज पुण्यतिथि है. इस अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उन्हें नमन किया.

बता दें कि मध्य प्रान्त एवं बरार सरकार द्वारा 1914 में माडम सिल्ली में बांध और रुद्री गांव में बांध का निर्माण किया गया था. सरकार किसानों के खेतों में पानी पहुचने के लिए उनसे 10 वर्षों का अनुबंध करना चाहती थी, लेकिन राशि अधिक होने की वजह से किसानों से अनुबंध करने में सरकार असफल रही. अगस्त 1920 में अंग्रेजों ने नहर काट कर पानी ले जाने का किसानों पर आरोप लगाते हुए कंडेल ग्राम से करीब 4000 रुपए कर वसूली का आदेश दे दिया, जिसके विरोध में सत्याग्रह की शुरुआत हो गई.

सरकार ने रकम देने में नाकाम रहे गांव वालों की मवेशियों को कुर्क कर लिया. इसके बाद आंदोलन के प्रणेता बाबू छोटेलाल श्रीवास्तव गिरफ्तार कर लिए गए. आंदोलन की गूंज दिल्ली तक हुई और 20 दिसंबर 1920 को पहली बार महात्मा गांधी छत्तीसगढ़ पहुंचे. माहौल को बदलता देख रायपुर के तत्कालीन डिप्टी कमिश्नर ने विवश हो कर महात्मा गांधी के आगमन के पहले ही अर्थदंड माफ किया और मवेशियों को वापस कर आंदोलन समाप्त करवा दिया.