आरिफ शेख. श्योपुर। जिले में हलगांवडा खुर्द ग्राम पंचायात के बमोरीहाला गांव के ग्रामीण आजादी के 75 साल बीत जाने के बाद आज भी मूलभूत सुविधा के लिए तरस रहे है। यहां के ग्रामीण कई बार प्रशासन से गांव में सड़क सहित अन्य मूलभूत सुविधाओं को पूरा करने के लिए गुहार लगा चुके है लेकिन कोई भी उनकी सुध लेने वाला नहीं है। परेशान ग्रामीणों ने अब विधानसभा चुनाव के बहिष्कार का ऐलान कर दिया है।
बता दें कि बमोरीहाला गांव के ग्रामीणों ने चुनाव के बहिष्कार के संबंध में गांव में दीवार लेखन भी कराया है, जिसमें लिखा गया है कि, सड़क, नल और अन्य सुविधाएं नहीं तो वोट नहीं। सूचना के बाद बुधवार को मौके पर पहुंची पुलिस ने लोगों को चुनाव बहिष्कार करने से जुड़ी लिखी मिटवाने के लिए कहा, लेकिन ग्रामीण मांगे पूरी न होने तक चुनाव बहिष्कार करने के लिए कराए गए दीवार लेखन को मिटाने और आने वाले चुनाव में मतदान करने के लिए तैयार नहीं है।
ग्रामीणों के इस कदम के बाद अब प्रशासनिक गलियारों में हड़कंप मचा हुआ है क्योंकि, प्रशासन लगातार लोगों को मतदान का प्रतिशत बढ़ाने पर जोर दे रहा है। ऐसे में चुनाव का बहिष्कार होने की खबर सामने आने पर प्रशासन को चुनाव आयोग की फजिहत झेलनी पड़ रही है।
मूलभूत सुविधाएं ही नहीं मिल रही तो मतदान क्यों
ग्रामीणों का कहना है कि, उनके गांव में न सीसी सड़क है और न ही नाले नाली का निर्माण कराया गया है, ऐसी स्थिति में उन्हें कीचड़ से होकर उन्हें गुजरना पड़ता है। पानी के लिए गांव में नल-जल योजना के नल नहीं लगाए गए हैं। इसके अलावा भी कई मूलभूत सुविधाओं की कमी है जिससे वह परेशान है। इन हालातो में जब उन्हें मूलभूत सुविधाएं ही नहीं मिल रही तो वह मतदान क्यों करें। इस बारे में जिला प्रशासन के अधिकारियों से बात करने की कोशिश की लेकिन उनसे बात नहीं हो पाई है।
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