रायपुर। छत्तीसगढ़ बीज विकास निगम का एक और कारनामा सामने आया है। बीज निगम ने यूकेलिप्टस के पौधे की आरसी 8 रुपये में कई है। जबकि पिछले साल इसे खरीदने के लिए बुलाये गए ओपन टेंडर में इसकी न्यूनयम दर 2.68 रुपये थी। यानि अगर वन विभाग इसे बीज निगम के ज़रिए खरीदे तो उसे करीब तिगुनी कीमत अदा करनी होगी।
बताया जाता है बीज निगम की खरीदी में करोड़ो का वारा न्यारा करने वाले अधिकारियों ने एक बार फिर से यूकेलिप्टस को इसी तरह खरीदने का प्रस्ताव भेजा था, जिसे अस्वीकार कर दिया गया।
यूकेलिप्टस के पौधे की कीमत आठ रुपये कैसे निर्धारित की गई, ये जाने के लिए बीज निगम के अधिकारी नरेंद्र दुग्गा से जब व्हाट्सअप पर सवाल पूछा गया तो उन्होंनें कोई जवाब नहीं दिया।
दरअसल , क्लोनल यूकेलिप्टस का इस्तेमाल राज्य सरकार की हरियाली प्रसार योजना में होता है। इस योजना में जो क्लोनल यूकेलिप्टस तैयार होता है, वन विभाग उसकी खरीदी करती है। ये क्लोन हाईटेक नर्सरी में तैयार होते है। इसकी ज्यादतर नर्सरी आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में है। इसकी कुछ नर्सरी उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश में भी है।
छत्तीसगढ़ में क्लोनल ली ज़्यादात सप्लाई दक्षिण भारत की फर्म करती आई हैं। कांग्रेस की सरकार आने के बाद इसकी खरीदी के लिए ओपन टेंडर बुलाया गया। लेकिन कुछ जगहों पर शिकायत के बाद पूरे टेंडर को रद्द कर दिया और विभाग ने खरीदी नहीं की। बताया जाता है कि आईएफएस की बड़ी लॉबी इसकी खरीदी बीज निगम के मार्फ़त कराने में लगी थी।
गौरतलब है कि पिछली सरकार ने बीज निगम के ज़रिए अरबों रूपये की खरीदी अलग-अलग विभागों के लिए की थी। जबकि 2002 के भण्डारण और क्रय नियम में जिन एजेंसियों को सरकारी खरीद के लिए तय किया गया है, उसमें बीज निगम शामिल नहीं है।