शिव शंभू. कोरिया. भारतीय जनता पार्टी में काम करने वाले कार्यकर्ताओं का सम्मान नहीं रहा. इसलिए इस बात पर विचार करना होगा कि भाजपा में रहना है कि नहीं रहना है. इस बार का खुलासा आने वाले दिनों में किया जाएगा. यह बात पूर्व विधायक और भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष दीपक पटेल ने कोरबा लोकसभा क्षेत्र से टिकट नहीं मिलने पर कही.

कोरबा लोकसभा क्षेत्र से टिकट मिलने की उम्मीद लगाए दीपक पटेल को भारतीय जनता पार्टी ने नजरअंदाज करते हुए ज्योतिनंद दुबे को टिकट दिया है. पटेल ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि कोरबा और कोरिया में संगठन का कार्य करने वाले कार्यकर्ताओं का मुझे समर्थन मिल रहा था. लेकिन कहीं न कहीं हमारे जो हारे हुए जनप्रतिनिधि ये लोग नहीं चाहते थे कि कोरिया जिले से कोई दावेदार इनको छोड़कर पैदा हो, नेता बनें, जिसके लिए कुचक्र चलाया. जिसका परिणाम यह है कि कोरिया जिला के कार्यकर्ता और कोरबा के भी कार्यकर्ता भी चाहते थे एक बार कोरबा का सांसद बना है, इस बार कोरिया से बने. इस भावना का अपमान हुआ है, और इस अपमान के लिए पार्टी को दोष नहीं देता, कोरिया जिला के नेता ही हैं, जिन लोगों को जनता ने सिर पर बिठाया था.

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जांजगीर और कांकेर में भी विरोध

भाजपा में टिकट वितरण को लेकर केवल कोरिया में ही नहीं बल्कि जांजगीर और कांकेर में भी विरोध के स्वर उठे हैं. जांजगीर लोकसभा सीट पर वर्तमान सांसद कमला देवी पाटले के स्थान पर गुहाराम अजगल्ले को टिकट दिए जाने पर का विरोध कोई और नहीं बल्कि सांसद पुत्र प्रदीप पाटले कर रहे हैं, वह भी खुलेआम फेसबुक पोस्ट के जरिए. वहीं कांकेर में मोहन मंडावी को टिकट दिए जाने का पूर्व भाजपा विधायक सुमित्रा मारकोले ने विरोध किया है. उन्होंने पार्टी में काम करने वालों की इज्जत नहीं होने और बाहर से प्रत्याशी लाकर चुनाव लड़ाए जाने की बात कहते हुए नामांकन फार्म तक खरीद लिया है.

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