दिल्ली के कथित शराब घोटाले से जुड़े केस में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की रडार पर आए अरविंद केजरीवाल को एक और झटका लगा है. पीएम मोदी की डिग्री वाले केस में गुजरात हाई कोर्ट ने उनकी पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया है. इसका मतलब है कि उन्हें 25 हजार रुपए जुर्माना भरना होगा. कोर्ट ने सुनवाई पूरी करने के बाद 30 सितंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था.

जस्टिस बीरेन वैष्णव की बेंच ने गुरुवार को अपना फैसला सुनाते हुए आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की याचिका को खारिज कर दिया. इससे पहले कोर्ट ने मार्च में केंद्रीय सूचना आयोग के 2016 के आदेश को खारिज कर दिया था और केजरीवाल पर जुर्माना लगाया था. इस आदेश के बाद गुजरात यूनिवर्सिटी पर टिप्पणी को लेकर केजरीवाल और उनके सहयोगी संजय सिंह को मानहानि केस का भी सामना करना पड़ रहा है.

मार्च में जस्टिस बीरेन वैष्णव की बेंच ने गुजरात यूनिवर्सिटी की ओर से दायर अपील पर सीआईसी के आदेश को खारिज कर दिया था. सीआईसी ने गुजरात यूनिवर्सिटी से कहा था कि पीएम मोदी की एमए की डिग्री केजरीवाल के साथ साझा की जाए. कोर्ट ने ना सिर्फ डिग्री जारी करने पर रोक लगाई थी बल्कि दिल्ली के मुख्यमंत्री पर 25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगा दिया था.

केजरीवाल ने कोर्ट से आदेश की समीक्षा की गुजारिश करते हुए दलील दी थी कि यूनिवर्सिटी के दावे के उलट मोदी की डिग्री ऑनलाइन उपलब्ध नहीं है. वेबसाइट पर कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है. अरविंद केजरीवाल को गुजरात हाई कोर्ट से यह झटका ऐसे समय पर लगा है जब दिल्ली के कथित शराब घोटाले में ईडी ने हाल ही में उन्हें समन किया था. केजरीवाल ने इस समन को दरकिनार कर दिया था, लेकिन जल्द ही उन्हें दोबारा बुलाए जाने की संभावना है.