उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में बीते शुक्रवार को हुए उमेश पाल पर हुई फायरिंग के दौरान घायल हुए दूसरे सिपाही राघवेंद्र सिंह की भी मौत हो गई. राघवेंद्र उमेश पाल की सुरक्षा में तैनात थे और गोलीबारी में घायल होने के बाद एसजीपीजीआई लखनऊ में उनका इलाज चल रहा था, जहां बुधवार शाम उसने दम तोड़ दिया.

प्रयागराज के जयंतीपुर इलाके में 24 फरवरी को उमेश पाल पर हुए हमले में राघवेंद्र सिंह को भी कई गोलियां लगी थीं. वहीं उमेश पाल को बचाने में एक सिपाही संदीप निषाद की पहले ही मौत हो गई थी.

गंभीर रूप से घायल राघवेंद्र को प्रयागराज स्थित स्वरूप रानी नेहरू चिकित्सालय में भर्ती कराया गया था. हालांकि उसकी हालत और बिगड़ती रही, जिसके बाद 26 फरवरी को उसे ग्रीन कॉडिडोर बनाकर एसजीपीजीआई लखनऊ ट्रांसफर किया गया था.

राघवेंद्र सिंह मूल रूप से अमेठी के रहने वाले थे. उनकी हाल ही में सगाई हुई थी और मई में विवाह तय था. ऐसे में उन्हें गोली लगने की खबर के बाद से घर में मातम पसरा था.

प्रयागराज के बहुचर्चित राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल और उसके सुरक्षाकर्मी संदीप निषाद की शुक्रवार शाम गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.

राजू पाल बहुजन समाज पार्टी के विधायक थे, जिनकी वर्ष 2005 में हत्या कर दी गई थी. उमेश पाल उस हत्याकांड के मुख्य गवाह थे. राजू पाल की हत्या में मुख्य आरोपी माफिया अतीक अहमद है जो फिलहाल गुजरात की एक जेल में बंद है.

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