रोहित कश्यप, मुंगेली. शांतिपूर्ण मतदान सम्पन्न होने के बाद मुंगेली एसपी पारुल माथुर ने चुनावी थकान मिटाने के लिए पुलिस अफसर एवं पुलिस जवान व उनके परिवार के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. एसपी ने कार्यक्रम का नाम पुलिस उत्सव ‘तरंग’ नाम दिया. कार्यक्रम के प्रथम चरण में पुलिस उत्सव का कार्यक्रम शानदार तरीके से मनाया गया. इस अवसर पर पुलिस विभाग के कार्यों से संबंधित स्टॉल लगाया गया था, जिसे देखकर सभी मंत्रमुग्ध हुए.

कार्यक्रम के दूसरे चरण में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें पुलिस अफसरों व उनके परिवार के सदस्यों के द्वारा एक से बढ़कर एक कार्यक्रम की प्रस्तुति दी गई. इस दौरान बिलासपुर रेंज के आईजी ने आने वाला कल जाने वाला है, हो सके तो इसमें जिंदगी बीता दो पल जो ये जानेवाला है. इस गीत को गाकर पूरे महफ़िल में समां बांध दिया.

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मुंगेली एसपी पारुल माथुर ने अजीब दास्तां है ये, कहां शुरू कहां खतम. ये मंजिलें है कौन सी, न वो समझ सके न हम. जब इस गाना को गाया तो तालियों की गड़गड़ाहट से महफ़िल गूंज उठी.

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कार्यक्रम में ब्रेक यही नहीं लगा इसके बाद तो डीएसपी मोनिका सिंह परिहार के डांस देख उपस्थित लोग अपने अपने जगह में झूमने लगे.

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कार्यक्रम देखकर यकीन ही नहीं हो रहा था कि जो प्रस्तुति दे रहे है वो पुलिस के अफसर और उनके परिवार के सदस्य है. ऐसा लग रहा था मानो कार्यक्रम किसी आर्केस्ट्रा टीम के द्वारा प्रस्तुति दी जा रही हो. आखिर में पुलिस अफसरों को ये कहना पड़ा कि पुलिस विभाग में इतने टैलेंटड लोग है हमें आज ही पता चला.

कार्यक्रम के दौरान आईजी प्रदीप गुप्ता ने पुलिस कैलेंडर का विमोचन किया. कार्यक्रम में मंच को संबोधित करते हुए रिटायर्ड डीजीपी एवं एसपी पारुल माथुर के पिता राजीव दीक्षित बीते पलों को याद करते हुए बोले कि आज मुंगेली जिले में एसपी पारुल माथुर है और आईजी प्रदीप गुप्ता एक वो भी पल था जब मैं आईजी हुआ करता था और प्रदीप गुप्ता एसपी हुआ करते थे. वहीं उन्होंने यह भी बताया कि छत्तीसगढ़ पुलिस को परित्राणाय साधुनाम शब्द मेरे द्वारा ही दी गई है.