दिल्ली. पंजाब नेशनल बैंक में हुए 11,500 करोड़ रुपये की तरह एक और बैंक घोटाला सामने आया है. सीबीआई ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फ्लैगशिप माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एंड रिफाइनेंस एजेंसी (मुद्रा) योजना के तहत जारी फर्जी ऋण से संबंधित एक नया मामला दर्ज किया है. सीबीआई ने बीते दिनों ये केस दर्ज किया है, जिसमें राजस्थान में पीएनबी की बाड़मेर शाखा में एक वरिष्ठ शाखा प्रबंधक ने सितंबर 2016 और मार्च 2017 के बीच “बेईमानी और धोखाधड़ी से 26 मुद्रा ऋण” बांटे हैं.

जिसके कारण सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक को 62 लाख रुपये का नुकसान हुआ. इस ताजा बैंकिंग घोटाले में पीएनबी ने मुद्रा ऋण को व्यापार या रेजिडेंस का वेरिफेकेशन किए बगैर और बिना सत्यापन किए ऋण राशि का अंतिम उपयोग के लिए दे दिया. सीबीआई ने इस मामले में पीएनबी बाड़मेर शहर के तत्कालीन ब्रांच मैनेजर इंदर चन्द्र चंदावत के खिलाफ केस दर्ज किया है .

एनडीए सरकार ने स्वरोजगार बढ़ाने के उद्देश्य से छोटे उद्यमों के लिए 1 मिलियन रूपए तक के ऋण देने के लिए मुद्रा योजना शुरू की. प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा कि भारत के छोटे उद्यमियों की सहायता करना भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था के विकास और समृद्धि में सहायक बनने का सबसे बड़ा माध्‍यम है. इस मामले में, मुद्रा के तहत मंजूर किए गए ऋणों से कोई संपत्ति नहीं बनाई गई थी. सीबीआई ने पीएनबी का यह एक और बड़ा फ्रॉड पकड़ा है.

पीएनबी बाड़मेर के तत्कालीन वरिष्ठ शाखा प्रबंधक इंदर चंद्र चुंदावत ने व्यवसाय की जगह के पूर्व-ऋण निरीक्षण और सत्यापन की जांच नहीं किया और यह भी नही कि संपत्ति स्वीकृत ऋण से बनाई गई है या नहीं. जानकारी के अनुसार चंदावत वर्तमान में आबू रोड़ शाखा में ब्रांच मैनेजर है. सीबीआई ने बीते दिनों ही उनके पाली और आबूरोड़ स्थित ठिकानों पर छापेमारी कर आवश्यक दस्तावेज जुटाए थे.