राजस्थान के रेतीले धोरों में लीथियम (Lithium) के अकूत भंडार मिले हैं. राजस्थान के नागौर जिले के डेगाना में लीथियम के भंडार मिलने की पुष्टि हुई है. जिओलॉजीकल सर्वे ऑफ इंडिया (Geological Survey of India) की रिपोर्ट के अनुसार डेगाना की रेंवत पहाड़ियों पर लीथियम का बड़े भंडार है. जीएसआई की सर्वे रिपोर्ट के अंतिम चरण में डेगाना की रेंवत पहाड़ियों पर लीथियम के भंडारों की पुष्टि हुई है. ‘व्हाइट गोल्ड’ के नाम से भी जाना जाने वाले लीथियम से खाड़ी देशों की तरह राजस्थान की किस्मत के सितारे भी चमकेंगे.

भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) ने दावा किया है कि नए खोजे गए भंडार में मौजूद लिथियम की मात्रा भारत की कुल मांग का 80 प्रतिशत पूरा कर सकती है. इस बड़ी खोज लिथियम के लिए चीन पर भारत की निर्भरता को कम करने में मददगार साबित हो सकती है. यह क़ीमती खजाना अब देश में अब तक का सबसे बड़ा लिथियम भंडार बताया जा रहा है. इसके बाद से खोजे जाने के बाद से इससे जुड़ी क्षेत्र में उम्मीद की लहर दौड़ पड़ी है. देश में लिथियम के भंडार और उत्पादन से इलेक्ट्रिक व्हीकल की लागत में भारी कमी आने का अनुमान है. इससे ईवी व्हीकल के मार्केट और इसके ग्राहकों को आने वाले समय में सीधा फायदा होने वाला है. बता दें कि राजस्थान के साथ ही लिथियम की खोज जम्मू-कश्मीर, मेघालय, आंध्र प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी जारी है.

भारत ने 2030 तक देश में बिकने वाले कुल व्हीकल में से 30 प्रतिशत इलेक्ट्रिक व्हीकल बेचने का लक्ष्य रखा है. इसके लिए भारत को अपनी नॉन-फॉसिल यानी गैर-जीवाश्म ईंधन की क्षमता 2030 तक बढ़ाकर 500 गीगावाट करनी है.

लिथियम को लेकर खत्म हो सकता है चीन का एकाधिकार

दुनिया का सबसे बड़ा लिथियम भंडार वर्तमान समय में बोलिविया में है. इसके बाद दूसरे देशों का नंबर आता है. बोलिविया के बाद अर्जेंटीन, चिली, चीन, अमेरिका इन देशों का नंबर है. चीन में लीथियम का भंडार दूसरे देशों के मुकाबले कम है लेकिन वैश्विक बाजार में उसका एकाधिकार बना हुआ है. एकाधिकार क्यों बना है इसको भी समझना जरूरी है उससे पहले यह जान लीजिए कि भारत कुल लिथियम का 50 फीसदी से अधिक हिस्सा चीन से आयात करता है. 2020-21 के आकड़े को देखा जाए तो भारत ने करीब 6 हजार करोड़ रुपये का लिथियम आयात किया था और उसमें से आधे से अधिक 3 हजार 500 करोड़ रुपये का लिथियम चीन से खरीदा था. जम्म-कश्मीर के बाद राजस्थान में लिथियम का इतना भंडार मिला है कि चीन का एकाधिकार पूरी तरह से खत्म हो सकता है.

जम्मू-कश्मीर से भी बड़ा भंडार?

राज्य सरकार के अधिकारियों ने कहा कि राजस्थान के डेगाना में लिथियम के भंडार का पता लगाया गया है. खनन के साथ-साथ भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) के अधिकारियों ने कहा कि भंडार हाल ही में जम्मू और कश्मीर में पाए गए भंडार से अधिक बड़ा है. अधिकारियों का मानना है कि यहां लीथियम की मात्रा देश की 80 फीसदी मांग को पूरा कर सकती है.