राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। मध्यप्रदेश में रेमडेसीवीर इंजेक्शन की किल्लत के बाद अब फंगल इंफेक्शन के इंजेक्शन की भी मारामारी देखने को मिल रही है. राजधानी भोपाल में सरकार की तरफ से की गई व्यवस्थाएं पूरी तरह से फेल साबित होती दिखाई दे रही है. राज्य सरकार द्वारा बीते दिनों मंगवाए गए इंजेक्शन को लेकर निजी अस्पतालों के मरीजों के लिए ऐसी व्यवस्थाएं की गई है कि मरीज को हमीदिया अस्पताल जाना होगा. जहां उसे अस्पताल में फॉर्म भरकर इंजेक्शन लेना होगा. लेकिन अव्यवस्थाओं का आलम ये है कि न तो अस्पताल में फॉर्म जमा हो रहा और न ही मरीजों इंजेक्शन मिल रहे हैं. जिसके कारण मरीज के परिजन दर-दर भटकना पड़ रहा है. जिनकी कोई सुनने वाला नहीं है.

बता दें कि प्रदेश में अब तक 573 मरीज फंगल इंफेक्शन के सामने आ चुके हैं, जिसमें से 31 मरीजों की जान भी जा चुकी है. वहीं फंगल इंफेक्शन के 3 हजार इंजेक्शन अब तक प्रदेश में चुके हैं. वहीं एक मरीज को 1 दिन में 4 इंजेक्शन लगना है, इसी आंकड़े से अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रदेश में इंजेक्शन की कितनी भारी किल्लत है. भोपाल को सिर्फ 700 फंगल इंफेक्शन के इंजेक्शन मिले हैं.

इंफेंक्शन के इंजेक्शन पर सरकार विवश

प्रदेश में बढ़ते फंगल इंफेक्शन के इंजेक्शन की कमी को लेकर सरकार विवश नजर आ रही है. इस बात का अंदाजा सीएम शिवराज सिंह के उज्जैन में दिए गए एक बयान से लगाया जा सकता है. सीएम ने कहा कि ब्लैक फंगस के इलाज के उपयोग होने वाली दवाओं का इंतजाम सरकार कर रही है. प्रदेश में ब्लैक फंगस के मरीजों का इलाज सरकार मुफ्त करवाएगी.

दरअसल सीएम शिवराज सिंह बुधवार को उज्जैन के दौरे पर थे. इस दौरान उन्होंने बैठक में कहा कि प्रदेश में 573 ब्लैक फंगस के मरीज हैं. मेरे पास हर जिले का हिसाब है. जितने भी एंटीफंगल इंजेक्शन की जरूरत पड़ेगी, मैं लगातार संपर्क में हूं.

इसे भी पढ़ें ः कोरोना महामारी में नगर निगम की गुंडागर्दी, ठेले वाले की सब्जी सड़क पर फेंकी

केंद्र सरकार से सीएम को आस

सीएम ने कहा कि भारत सरकार ने तय किया है कि सभी कंपनियों से बात करके वहीं से इंजेक्शन के कोटा आवंटित किए जाएंगे. उन्होंने ये भी कहा कि आज या कल इंपोर्ट होकर इंजेक्शन मध्य प्रदेश आ रहे हैं, जैसे ही इंजेक्शन आते हैं, उन्हें न्यायपूर्ण तरीक से सभी जिलों में बांटे जाएंगे.

इसे भी पढ़ें ः मंडी में प्याज की खरीदी पर 30 मई तक रोक, किसानों की मुश्किलें बढ़ी, तैयार फसल खेतों में ही छोड़ रहे

गौरतलब है कि सीएम शिवराज सिंह कोरोना महामारी की दूसरी लहर को लेकर उज्जैन में समीक्षा बैठक के लिए बुधवार को पहुंचे थे. इस दौरान मुख्यमंत्री ने अफसरों को हेलिपैड पर स्वागत के लिए आने से मना कर दिया था. उन्होंने बैठक में ब्लैक फंगस को लेकर चिंता जाहिर की और कहा कि ब्लैक फंगस के इलाज के उपयोग होने वाली दवाओं का इंतजाम सरकार कर रही है. प्रदेश में ब्लैक फंगस के मरीजों का इलाज सरकार मुफ्त करवाएगी.

इसे भी पढ़ें ः नकली रेमडेसिविर खुलासा : आरोपी देवेश ने सबूत मिटाने के लिए तोड़े कई नकली इंजेक्शन, पुलिस ने टूटी हुई शीशियां की बरामद