रायपुर- राज्य शासन ने केबीसी के लिये चयनित मुंगेली की डिप्टी कलेक्टर अनुराधा अग्रवाल को अमिताभ बच्चन के साथ हॉट सीट पर बैठने की अनुमति नहीं दी . सामान्य प्रशासन विभाग ने केबीसी में भाग लेने के लिये अनुराधा के आवेदन पर अनुमति देने से इंकार कर दिया है. सामान्य प्रशासन विभाग ने बिना कोई आधार बताये अनुराधा के आवेदन को अमान्य कर दिया.
भोपाल में आयोजित ऑडिशन में सफल होने के बाद अनुराधा को हॉट सीट पर बैठने के लिये मुंबई बुलाया गया, लेकिन जिस दिन अनुराधा को मुंबई निकलना था, उसके ठीक एक दिन पहले उनकी मां रुकमणी देवी का दुखद निधन हो गया. ऐसी स्थिति में अनुराधा निराश हो गई और उसने केबीसी में शामिल नहीं होने का निर्णय ले लिया. ऐसी स्थिति में परिजनों द्वारा समझाये जाने पर वह केबीसी में जाने के लिये तैयार हुई. परिजनों ने समझाया कि उनकी मां, अनुराधा के केबीसी में चयनित होने पर बेहद खुश थी और उसका सपना था कि उसकी बेटी महानायक अमिताभ बच्चन के साथ केबीसी खेलकर पूरे परिवार और राज्य को गौरवान्वित करे. इतना ही नहीं अनुराधा के बड़े भाई की दोनों किडनी खराब हो चुकी है, जिसके इलाज के लिये 15 लाख रुपये से ज्यादा की जरूरत भी थी. ऐसी स्थिति में परिजनों ने समझाया कि केबीसी में रकम जीतने पर वह अपने भाई की जान भी बचा सकेगी, जो इन दिनों कोलकाता में आईसीयू में भर्ती कराये गयें हैं.
मुंबई जाने के लिये अनुराधा ने एक बार फिर मुंगेली कलेक्टर से अनुमति ली. कलेक्टर ने अनुराधा को मुख्यालय छोड़ने की अनुमति तो दे दी, लेकिन केबीसी में भाग लेने की अनुमति संबंधी आवेदन को सामान्य प्रशासन विभाग को फार्वर्ड कर दिया. शासन से अनुमति मिलने की प्रत्याशा में अनुराधा अपनी मां का अंतिम संस्कार करने के तुरंत बाद मुंबई के लिये रवाना हो गई और मुंबई पहुंचकर बिग बी के साथ केबीसी खेलने का अपना सालों पुराना सपना साकार कर लिया.
अनुराधा ने करीब एक महीने पहले केबीसी में जाने की अनुमति के लिये पत्र लिखा था, जिसका जवाब अभी मिला है. जबकि अनुमति मिलने की प्रत्याशा में उसने प्रतियोगिता में भाग ले लिया है और इसका प्रसारण 20 या 21 सितंबर के एपीसोड में होना तय है. अब सवाल यह उठता है कि अनुमति नहीं मिलने के बाद भी अनुराधा के केबीसी खेलने पर आगे क्या होगा? राज्य शासन के उच्चपदस्थ सूत्र बताते हैं कि यदि मुंगेली कलेक्टर शासन को वस्तुस्थिति बताते हुए इस फैसले पर पुनर्विचार करने के लिये शासन को पत्र लिखें, तो राज्य शासन इसे विशेष परिस्थिति मानते हुए अनुमति दे सकती है. एक स्थिति और हो सकती है, वह यह है कि टीवी पर इस शो के प्रसारण के बाद राज्य शासन अनुराधा को नोटिस जारी कर जवाब मांगे और फिर इसके बाद नोटिस का उत्तर मिलने के बाद शासन दोबारा ऐसी गलती नहीं करने संबंधी चेतावनी जारी कर मामले का पटाक्षेप कर देगी.