रायपुर। नशे के सौदागरों का छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश से बड़ा गहरा नाता है. चाहे गांजे की तस्करी हो, शराब की तस्करी हो या वन्य जीवों की तस्करी. आए दिन इन दोनों राज्यों के बॉर्डर से नशे के सौदागरों की करतूतें सामने आती रहती हैं. इन सभी के बीच आज उस वक्त खलबली मच गई, जब पुलिस को भारी मात्रा में शराब तस्करी की उड़ती हुई खबर मिली. इनपुट तगड़ा था, मुखबिर भी बातों का पक्का. फिर क्या था पुलिस के रडार में वो तस्करों की गाड़ी आ गई. तलाशी में गाड़ी शराब की पेटियां उगलने लगी, जिसे देख पुलिस भी दंग रह गई. खैर तस्कर हाथ नहीं लगे वो अलग बात है. कहानी अनूपपुर जिले की है, लेकिन इसका छत्तीसगढ़ कनेक्शन है.

गाड़ी में सायरन, कमल का फूल और शराब ही शराब

टाटा सफारी केशवाही से कोतमा की ओर भनभनाते चली आ रही थी. इसी बीच मुखबिर ने पुलिस को फोन खड़काया. सफेद रंग की गाड़ी है. गाड़ी में बकायदा सायरन लगी है. कमल का फूल और गाड़ी में शराब भरी हुई है. फिर क्या था आनन-फानन में पुलिस भी तस्करों के कारनामे पर पानी फेरने में कमर कस ली. तस्कर तो हाथ नहीं लगे, लेकिन गाड़ी और भारी मात्रा में शराब छोड़कर सबूत दे गए.

16,02,778 का माल पुलिस ने किया जब्त

वाहन की तलाशी लेने पर वाहन के पीछे हिस्से में 11 खाकी रंग के कार्टून मौजूद थे. गाड़ी से जब कार्टूनों को खोल कर देखने पर सभी कार्टून में कुल 91.2 लीटर अंग्रेजी शराब कीमत 1,02,778 रुपए और अवैध शराब के परिवहन में सफारी वाहन की कीमत 15 लाख रुपए कुल 16,02,778 रुपए का माल पुलिस ने जब्त किया है. फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है.

किसके नाम पर है गाड़ी और कौन हैं गंगा प्रसाद ?

टाटा सफारी कार को रिटायर्ड प्रिंसिपल गंगा प्रसाद मिश्रा है, जो बैकुंठपुर निवासी हैं. इन्होंने करीब 7 साल पहले इस गाड़ी को खरीदी थी, जिसको धर्मेंद्र पटवा चलवा रहे थे. LALLURAM.COM की टीम ने जब प्रिंसिपल गंगा प्रसाद मिश्रा से बातचीत की, तो उन्होंने कहा कि मैं उस गाड़ी को उपयोग नहीं करता, गाड़ी को धर्मेंद्र पटवा चलवा रहे थे. जब गाड़ी खरीद रहे थे तब और जब गाड़ी बेच रहे थे, 2 दिन पहले मेरे से हस्ताक्षर कराया गया है, गाड़ी को पटवा किसको बेचा मैं नहीं जानता.

कौन है धर्मेंद्र पटवा और क्या है कहानी ?

मनेंद्रगढ़ पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष और पिछड़ा वर्ग के प्रदेश कार्य समिति के सदस्य धर्मेंद्र पटवा इस गाड़ी को पिछले कई साल से चला रहे थे. इस मामले में जब हमने धर्मेंद्र पटवा से बातचीत की, तो उन्होंने कहा कि गाड़ी मेरे पास थी, लेकिन मैं इस गाड़ी को बेचने के लिए 7 दिन पहले टाटा शोरूम (एजेंसी) के मालिक को दे दिया था. गाड़ी और गाड़ी की सारी कागजात टाटा शोरूम के मालिक के पास मिलेंगे. कुल मिलाकर शराब तस्करी मामले से खुद को किनारा कर लिया. भाजपा नेता धर्मेंद्र पटवा की पत्नी प्रतिमा पटवा महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष है.

कौन है TATA शोरुम (एजेंसी) के मालिक ?

गाड़ी शोरूम के मालिक अजीत सिंह से जब LALLURAM.COM की टीम ने बातचीत की, तो उन्होंने कहा कि गाड़ी फरवरी 2023 में बिक गई है, जिसके दस्तावेज ऑफिस में मौजूद हैं. गाड़ी को MP के अनूपपुर जिले के कुलदीप को बेची गई है, जिसका नाम ट्रांसफर करने के लिए RTO ऑफिस भेजा गया है. ये गाड़ी कस्टमर टू कस्टमर बेची गई है, इसमें शोरूम और धर्मेंद्र पटवा का कोई हाथ नहीं है.

क्या बोले MP के कोतमा TI ?

LALLURAM.COM की टीम ने जब MP के अनूपपुर जिले के कोतमा TI अजय बैगा से बातचीत की, तो उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच जारी है. शराब से भरी गाड़ी पकड़ी गई थी. जिसके नाम पर गाड़ी है, गंगा प्रसाद मिश्रा को नोटिस जारी कर थाने में 5 मई को बुलाया गया है, उनसे पूछताछ के बाद ही कुछ कह पाएंगे. फिलहाल जांच जारी है, वहीं ‘कुलदीप’ की कहानी पर जानकारी नहीं होने की बात कही. वहीं जब मामले को लेकर मनेंद्रगढ़ RTO अनिल भगत से संपर्क करने की कोशिश की गई, तो उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया.

2 महीने पहले कैसे बिकी गाड़ी ?

अब सवाल ये उठता है कि TATA शोरूम (एजेंसी) का मालिक कह रहा है कि गाड़ी फरवरी में बिक गई है, वहीं धर्मेंद्र पटवा कह रहे हैं कि गाड़ी को बेचने के लिए शोरूम को 7 दिन पहले दिया था, इधर गाड़ी के मालिक गंगा प्रसाद मिश्रा कह रहे हैं कि वे 2 दिन पहले कागज में हस्ताक्षर किए हैं. अब इसमें सवाल ये है कि जब गाड़ी को धर्मेंद्र पटवा 7 दिन पहले बेचने के लिए दिया तो गाड़ी 2 महीने पहले कैसे बिक गई ? ऐसे कई अनगिनत सवाल हैं, जिसके जवाब मिलना बाकि है. पुलिस की जांच में जल्द खुलासा इन सब बातों का खुलासा होगा.

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