न्यामुद्दीन अली, अनूपपुर। पीएम आवास (PM Awas) पाने के लिए एक तत्कालीन रोजगार सहायक (employment assistant) ने सारी हदें पार कर दी। रोजगार सहायक ने अपनी मां के 4 पति बना डाले। मामला उजागर होने के बाद अनूपपुर जिला पंचायत सीईओ ने एफआईआर दर्ज कराकर तीन दिन के अंदर प्रतिवेदन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे, लेकिन तीन दिवस से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी जनपद सीईओ ने अब तक रोजगार सहायक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने संबंधी किसी तरह की कार्रवाई नहीं की है।
दरअसल, यह पूरा मामला जनपद पंचायत अनूपपुर (Anuppur) अंतर्गत ग्राम पंचायत लतार का है। जहां तत्कालीन प्रभारी सचिव और रोजगार सहायक नरेश प्रसाद लहरे ने पीएम आवास योजना के नाम पर जमकर भ्रष्टाचार (Corruption) किया। जिसकी लगातार शिकायतों के बाद जनपद स्तर पर समिति बनाकर जांच की गई। जांच के दौरान एक ही घर में दो सगे भईयों जितेंद्र चौधरी और दासू चौधरी को वर्ष 2019-20 में आवास स्वीकृत किया गया था। जिसके बाद दौलत चौधरी द्वारा प्रथम किश्त का उपयोग कर भवन प्लिंथ कार्य पूर्ण करने पर द्वितीय किश्त की राशि 45 हजार के लिये जियो टैग की गई, लेकिन रोजगार सहायक ने जितेंद्र चौधरी के प्रथम किश्त के बाद भी भवन निर्माण का कार्य नहीं किये जाने के बावजूद उसे दौलत चौधरी के आवास के सामने खड़ा कराते हुये जियो टैग कर दोनो भाईयों को पूरी राशि भुगतान कर गबन किया गया।
इसके साथ ही वर्ष 2019-20 में चैतू कोल पिता लीला कोल, धन्नू यादव पिता रेवा यादव और राम सिंह गोड़ पिता जोहन सिंह का स्वीकृत पीएम आवास का कार्य अपूर्ण होने के बावजूद रोजगार सहायक ने पूर्ण स्तर का जियो टैग करते हुए चतुर्थ किश्त की राशि का भुगतान कराया और शासकीय राशि का गबन कर शासन को क्षति पहुंचाया गया है।
अभी और भी है कारनामे
तत्कालीन सचिव और रोजगार सहायक नरेश प्रसाद लहरे पिता ठुनगुन चौधरी का नया कारनामा सामने आया है। जहां अपने तीन सगे भाईयों सहित स्वयं की पत्नी को पीएम आवास का लाभ अनुचित रूप से अपनी मां गुलईची बाई को अपने भाईयों के ससुर और अपने ससुर की पत्नी बना कर लाभ दिलाया गया है। इतना ही नहीं अपनी पत्नी प्रेमा बाई के नाम से स्वीकृत किया गया पीएम आवास के जियो टैग करते समय मकान के सामने अपने 15 वर्षीय बड़े पुत्र की फोटो लेकर जियो टैग किया गया है।
मां को ही बना दिया सास
जानकारी के अनुसार रोजगार सहायक नरेश प्रसाद लहरे ने अपने तीन भाईयों सुरेश चौधरी, राजाराम चौधरी और कमलेश चौधरी है। जहां वर्ष 2018-19 में रोजगार सहायक ने अपने भाई राजाराम की पत्नी सावित्री चौधरी, अपनी पत्नी प्रेमा बाई और अपनी भाई कमलेश की पत्नी कमलेश्वरी के नाम पर पीएम आवास स्वीकृत कराया। लेकिन इन सब में अपनी मां को अपने भाईयों के ससुर की पत्नी बना दिया, तो वहीं अपनी पत्नी के नाम स्वीकृत कराया प्रधानमंत्री आवास में अपनी मां को ही सास बना लिया। लेकिन इस मामले की जांच अब तक जनपद और जिला पंचायत स्तर पर नहीं की गई है। यह पूरा मामला संज्ञान होने के बावजूद रोजगार सहायक नरेश प्रसाद लहरे पर जनपद अनूपपुर सीईओ ने अब तक प्राथमिकी दर्ज नहीं की है।
वहीं इस मामले में जिला पंचायत सीईओ अभय सिह ओहरिया का कहना है कि पीएम आवास में गड़बड़ी के मामले में रोजगार सहायक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए थे। जानकारी लेता हूं की अब तक मामला कायम क्यों नहीं हुआ है।
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