लखनऊ. बीजेपी की सहयोगी पार्टी अपना दल की अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने नजूल जमीन विधेयक का खुलेआम विरोध किया है. उन्होंने इस विधेयक को वापस लेने की मांग की है. अनुप्रिया इतने पर ही नहीं रुकीं. उन्होंने दोषी अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की है. नजूल जमीन विधेयक यूपी की बीजेपी सरकार पर भारी पड़ गया है.

बीजेपी के अपने विधायकों के विरोध के बीच विधानसभा से इसे पास करा लिया गया. लेकिन विधान परिषद में बीजेपी अध्यक्ष और एमएलसी भूपेंद्र चौधरी ने विधेयक का विरोध करके इसे सिलेक्ट कमेटी के पास भिजवाकर पास नहीं होने दिया. फिलहाल विधेयक को रोक दिया गया है. लेकिन दो महीने में जब सिलेक्ट कमेटी रिपोर्ट देगी ये विधेयक फिर से आ सकता है.

अनुप्रिया ने X पर लिखा है कि ‘नजूल भूमि संबंधी विधेयक को विमर्श के लिए विधान परिषद की प्रवर समिति को आज भेज दिया गया है. व्यापक विमर्श के बिना लाये गये नजूल भूमि संबंधी विधेयक के बारे में मेरा स्पष्ट मानना है कि यह विधेयक न सिर्फ़ ग़ैरज़रूरी है बल्कि आम जन मानस की भावनाओं के विपरीत भी है.’

उन्होंने आगे लिखा कि ‘उत्तर प्रदेश सरकार को इस विधेयक को तत्काल वापस लेना चाहिए और इस मामले में जिन अधिकारियों ने गुमराह किया है उनके ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई होनी चाहिए.’

व्यक्तिगत फायदे के लिए लाया जा रहा विधेयक- अखिलेश

इधर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने भी इस विधेयक का विरोध किया है. नज़ूल जमीन विधेयक को लेकर सांसद अखिलेश यादव ने सीएम योगी का नाम लिए बिना निशाना साधा है. अखिलेश यादव ने ट्वीट के जरिए भाजपा पर बड़ा आरोप लगाते हुए ये तक कह दिया कि अपने व्यक्तिगत फायदे के लिए इसे लाया जा रहा है.