शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा के प्रमुख सचिव अवधेश प्रताप को एमपी मानवाधिकार आयोग का सदस्य बनाया गया हैं। रिटायरमेंट के बाद एपी सिंह आयोग के सदस्य होंगे। वहीं आयोग के अध्यक्ष और एक और सदस्य की नियुक्ति फिलहाल टल गई है। इस पर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने आपत्ति जताई हैं। उन्होंने कहा कि नियुक्ति को लेकर कोई सार्वजनिक सूचना या विज्ञापन जारी नहीं किया गया है। मेरी बात नहीं सुनी गई तो कोर्ट जाऊंगा।

सोमवार को सीएम हाउस में मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की बैठक हुई। इस मीटिंग में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव, एमपी विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार शामिल हुए। आयोग में प्रशासनिक सदस्य के पद पर अवधेश प्रताप (एपी सिंह) की नियुक्ति के लिए दो नाम आए थे। सीएम और विधानसभा अध्यक्ष ने एपी सिंह के नाम पर सहमति दी।

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वहीं नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने आयोग में नियुक्ति के लिए अपनाई गई चयन प्रक्रिया पर ऐतराज जताया है। उन्होंने फेसबुक पर पोस्ट कर लिखा- ‘मुख्यमंत्री आवास पर हुई मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति को लेकर बैठक में नियुक्तियों को लेकर असहमति जताई है। बैठक में मुख्यमंत्री मोहन यादव जी और विधानसभा अध्यक्ष भी मौजूद थे। नियुक्ति को लेकर कोई सार्वजनिक सूचना या विज्ञापन नहीं दिया गया है जबकि अन्य राज्यों में विज्ञापन के माध्यम से आवेदन बुलाए गए। स्वप्रेरणा से प्राप्त आवेदन”का हवाला दिया गया। यह समान अवसर और पारदर्शिता के मानकों के विपरीत है।’

उन्होंने आगे कहा कि ‘सुप्रीम कोर्ट ने लोकपाल/CIC जैसे निकायों में खुला विज्ञापन और स्पष्ट मापदंड पर बल दिया है। स्वप्रेरित आवेदनों को चयन‑आधार नहीं बनाया जा सकता। एससी/एसटी प्रतिनिधित्व पर चिंता (नीतिगत): -समिति को भेजे गए नामों में (विभागीय सूची अनुसार) एससी/एसटी का कोई नाम नहीं दिख रहा है। भले अधिनियम में आरक्षण का अनिवार्य प्रावधान नहीं है, पर मानवाधिकार निकाय में समावेशी/विविध प्रतिनिधित्व नीतिगत रूप से अपेक्षित है।’

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सिंघार ने यह भी कहा कि ‘मानवाधिकार आयोग और इसके अध्यक्ष तथा सदस्यों के पद अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। जब प्रशासनिक व्यवस्था से प्रदेश की जनता को न्याय नहीं मिलता, तो पीड़ित पक्ष या आम जनता मानवाधिकार आयोग के पास जाती है। पद पर अपात्र व्यक्तियों का बैठना न्याय के सिद्धांतों के विपरीत होगा। माननीय राहुल गांधी जी ने लगातार कहा है कि भाजपा से संविधान को खतरा है। आज यह सच होता दिखाई दे रहा है कि भाजपा संवैधानिक पदों पर खिलवाड़ कर रही है। यदि सरकार हमारी बात नहीं सुनेगी, तो हम कोर्ट के दरवाजे खटखटाएंगे, क्योंकि यह प्रदेश की जनता के अधिकारों का मामला है।’

अवधेश प्रताप (एपी सिंह)

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