हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व होता है. यह व्रत हर माह के शुक्ल और कृष्ण पक्ष में दो बार आता है, इस प्रकार साल भर में कुल 24 एकादशियाँ होती हैं. इस वर्ष अपरा एकादशी का व्रत 23 मई 2025 शुक्रवार को रखा जाएगा. व्रती एकादशी तिथि को उपवास रखते हैं और भगवान विष्णु की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं. एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि पर किया जाता है. इसलिए व्रतधारी अगले दिन 24 मई, शनिवार को सुबह 6:01 बजे से 8:39 बजे के बीच व्रत का पारण कर सकते हैं.

अपरा एकादशी पर करे उपाय

अपरा एकादशी को ‘अचला एकादशी’ भी कहा जाता है. शास्त्रों के अनुसार, इस व्रत को रखने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है और पुण्य की प्राप्ति होती है. इसका व्रत विशेष रूप से पितृ दोष, कर्ज से मुक्ति और आत्मिक शुद्धि के लिए लाभकारी माना गया है.

मां लक्ष्मी की भी पूजा का विशेष महत्व

इस दिन भगवान विष्णु के साथ-साथ मां लक्ष्मी की भी पूजा की जाती है. व्रती पूरे दिन उपवास रखते हैं, व्रत कथा का पाठ करते हैं और रात्रि में जागरण कर भगवान का स्मरण करते हैं. अपरा एकादशी का व्रत न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि आत्मिक और मानसिक शांति के लिए भी अत्यंत फलदायी माना जाता है. इस व्रत से जीवन में सकारात्मकता आती है और कर्मों की शुद्धि होती है.