रायपुर। कोविड-19 के समय में पढ़ाई तुंहर दुआर के अंतर्गत शिक्षक अपने कर्तव्य का निर्वहन बेहतर ढ़ग से करने के साथ नौनिहालों के हुनर को तराश रहे हैं। धमतरी जिले के विकास खण्ड नगरी के ग्राम बासीन के शिक्षक शून्य निवेश में कबाड़ से जुगाड़ करने की कला सिखा रहे है।

नगरी विकास खण्ड के संकुल केन्द्र बेलरबाहरा की शासकीय प्राथमिक शाला बासीन में कार्यरत सहायक शिक्षक एलबी सुरेन्द्र प्रजापति द्वारा कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए जिले में ’सीख‘ और पढ़ाई तुंहर दुआर कार्यक्रम के तहत शून्य निवेश पर आधारित कबाड़ से जुगाड़ करते हुए बच्चों को सरल, सहज एवं रोचक पूर्ण तरीके से अध्ययन-अध्यापन करा रहे है। गतिविध आधारित शिक्षा प्रदान करने में शिक्षक अपनी भूमिका सुनिश्चित कर रहे है। शिक्षक प्रजापति द्वारा ’सौर मंडल‘ एवं ग्रह नक्षत्रों की जानकारी प्रदान करते हुए ’नवग्रह चक्र‘ मॉडल का प्रदर्शन बच्चों के द्वारा प्रयोग, संवाद एवं अभिनय के माध्यम से किया जा रहा है। इस मॉडल का प्रदर्शन जिला मुख्यालय धमतरी स्थित कलार समाज में भवन में किया गया। मॉडल को अरविंदों सोसायटी दिल्ली नोयडा द्वारा चयन किया गया है।