Apple: एप्पल ने अपने क्यूपर्टिनो हेडक्वार्टर से 185 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है. यह कार्रवाई कर्मचारियों द्वारा चैरिटी क्लॉज का दुरुपयोग कर सैलरी बढ़ाने की कोशिश के बाद की गई. हालांकि, जिन छह लोगों के खिलाफ अमेरिका के बे एरिया में वारंट जारी किए गए हैं, उनमें कोई भारतीय नहीं है. लेकिन रिपोर्ट्स के अनुसार, बर्खास्त किए गए कर्मचारियों में कई भारतीय हैं, जिन्होंने अमेरिकी तेलुगु चैरिटी संगठनों का दुरुपयोग कर यह धोखाधड़ी की.
क्या है मामला?
NBC की रिपोर्ट के मुताबिक, यह घोटाला एप्पल के मैचिंग ग्रांट्स प्रोग्राम से जुड़ा है. यह एक कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) पहल है, जिसके तहत एप्पल अपने कर्मचारियों द्वारा चैरिटी में दिए गए दान के बराबर राशि गैर-लाभकारी संगठनों को दान करता है.
आरोप है कि कुछ कर्मचारियों ने गैर-लाभकारी संगठनों के साथ मिलकर फर्जी डोनेशन का दावा किया. इन संगठनों ने दान की गई राशि को कर्मचारियों को लौटा दिया, जबकि एप्पल द्वारा दी गई मैचिंग ग्रांट्स को कर्मचारियों ने रख लिया. यह न केवल कंपनी की नीति का उल्लंघन है, बल्कि अमेरिकी कर कानूनों का भी उल्लंघन है, क्योंकि यह फर्जी दावे टैक्स फ्रॉड में गिने जाते हैं.
6 कर्मचारियों पर आपराधिक मामला दर्ज
सांता क्लारा काउंटी जिला अटॉर्नी कार्यालय के अनुसार, छह व्यक्तियों पर $152,000 (करीब ₹1.2 करोड़) का फ्रॉड करने का आरोप है. उन्होंने तीन वर्षों के दौरान दो गैर-लाभकारी संगठनों – American Chinese International Cultural Exchange (ACICE) और Hop4Kids के माध्यम से यह धोखाधड़ी की.
इन पर आरोप है (Apple Employees)
- सिउ केई (एलेक्स) क्वान, 37, कास्त्रो वैली
- याथेई (हेयसन) युएन, 34, सैन होज़े
- याट सी (सनी) नग, 35, मिलपिटास
- वेंताओ (विक्टर) ली, 38, हेवर्ड
- लिचाओ नी, 39, सनीवेल
- झेंग चांग, 31, यूनियन सिटी
क्वान, जो Hop4Kids के CEO और ACICE के अकाउंटेंट थे, इस घोटाले के मास्टरमाइंड बताए जा रहे हैं.
भारतीय कर्मचारियों पर आरोप
ग्रेट आंध्र की रिपोर्ट के अनुसार, बर्खास्त किए गए 185 कर्मचारियों में से कई भारतीय हैं. ये कर्मचारी तेलुगु संगठनों के साथ मिलकर एप्पल के मैचिंग ग्रांट्स प्रोग्राम का दुरुपयोग कर रहे थे. आरोप है कि इन संगठनों ने फर्जी चैरिटी डोनेशन दिखाकर कर्मचारियों को उनका पैसा वापस कर दिया और एप्पल द्वारा दिए गए मैचिंग फंड को हड़प लिया.
एप्पल की प्रतिक्रिया (Apple)
फिलहाल, एप्पल ने इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है. लेकिन यह घटना दिखाती है कि कैसे चैरिटी प्रोग्राम जैसी पहल का दुरुपयोग हो सकता है. अमेरिकी अधिकारियों ने इस धोखाधड़ी को लेकर जांच शुरू कर दी है.
यह घटना केवल वित्तीय धोखाधड़ी का मामला नहीं है, बल्कि यह दिखाती है कि कैसे भरोसेमंद कार्यक्रमों का उपयोग व्यक्तिगत लाभ के लिए किया जा सकता है.
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