रायपुर. छत्तीसगढ़ में भाजपा मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति के बाद कई जगह कार्यकर्ताओं ने इसका विरोध किया है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव ने कार्यकर्ताओं की शिकायत पर माना और कवर्धा के पिपरिया मंडल अध्यक्ष की नियुक्ति को रद्द कर दिया है. प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, कल भाजपा कार्यालय में बैठक होगी, जिसमें बाकी विवादित जगहों की चर्चा कर पार्टी और कार्यकर्ताओं के हित में निर्णय लेंगे.
बता दें कि कल फाइनल अध्यक्षों के नाम का पैनल तय हो सकता है. जिला अध्यक्षों के नामों का पैनल भी फाइनल किया जाएगा. 29 दिसंबर को दिल्ली में संगठन की बैठक होगी, जहां अंतिम मुहर लगेगा. भाजपा मंडल अध्यक्ष चुनाव विवाद पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष किरण देव ने कहा, चर्चा के बाद विवादित मंडल अध्यक्षों पर निर्णय लिया जाएगा. बीजेपी का बड़ा परिवार है. एक दो जगहों पर इस तरह के प्रॉब्लम आते हैं. बैठकर पार्टी और कार्यकर्ताओं के हित में निर्णय लेंगे. जहां-जहां विवाद है उस पर बात करेंगे.
शिकायत पर चर्चा के बाद लेंगे फैसला : उपासने
इस मामले में भाजपा पुनर्विचार समिति के सहसंयोजक सच्चिदानंदन उपासने ने कहा कि लगातार शिकायत मिल रही थी, जिसके बाद कुछ जगह की नियुक्ति रद्द हुई है. इसमें माना मंडल, पिपरिया मंडल जैसे मंडल शामिल हैं. जीतने नियुक्ति निरस्त हो रहे या स्थगित हुए हैं उन सभी के चुनाव जिला चुनाव के बाद होंगे. उन्होंने कहा, 27 दिसंबर को प्रदेश कार्यालय में बैठक बुलाई गई है, जिसमें जहां-जहां से शिकायत मिली है उस पर चर्चा की जाएगी. किसी की उम्र कम है, किसी के खिलाफ अपराधिक प्रकरण दर्ज हुए हैं. प्रमाणित शिकायत पर बैठक होगी, जिसमें प्रदेश के लोगों को बुलाया गया है. शिकायतकर्ता को भी बुलाया गया है. जितनी भी नियुक्ति रद्द हुई है उसमें सुनवाई के बाद ही फैसला होगा.
बता दें कि भीमवंत निषाद को माना भाजपा मंडल अध्यक्ष बनाए गए थे, जिसका कार्यकर्ताओं ने विरोध किया था. भाजपा कार्यकर्ताओं का आरोप है कि कांग्रेस से आए भीमवंत निषाद को मंडल अध्यक्ष बनाया गया है, जिसके विरोध में भाजपा माना मंडल के सदस्य प्रदेश कार्यालय पहुंचकर वरिष्ठ नेताओं से शिकायत की थी. साथ ही विधायक मोतीलाल साहू के खिलाफ जमकर नारेबाजी की थी.
विधायक मोतीलाल पर कार्यकर्ताओं का अपमान करने का आरोप
बताया जा रहा है कि रायपुर ग्रामीण विधानसभा के अंतर्गत मेघुराम साहू का नाम सर्वसम्मति से मंडल अध्यक्ष के लिए तय किया गया था, जिसके बाद अचानक भीमवंत निषाद का नाम सामने आ गया. इसके बाद माना स्थित सामुदायिक भवन में तोड़फोड़ करते हुए कार्यकर्ताओं ने विधायक मोतीलाल साहू का विरोध किया था. कई कार्यकर्ता भाजपा विधायक की गाड़ी के सामने लेट गए थे. कार्यकर्ताओं ने विधायक साहू पर आरोप लगाया था कि उन्होंने कर्मठ मंडल अध्यक्ष को नियुक्त नहीं करके उनका अपमान किया है.
गरियाबंद जिले में भी मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति पर विवाद
गरियाबंद में भी भाजपाइयों ने जिले में हाल ही में किए गए मंडल अध्यक्षों की नियुक्तियों को लेकर विवाद खड़ा किया था. विशेष रूप से झाखरपारा और फिंगेश्वर मंडल में कार्यकर्ताओं के बीच असंतोष है। झाखरपारा में उमाशंकर को मंडल अध्यक्ष बनाने का ऐलान पहले ही किया गया था, लेकिन अंतिम समय में भगवानो बेहेरा का नाम घोषित कर दिया गया, जिससे माली समाज के नेताओं में नाराजगी है. इस फैसले के खिलाफ बिंद्रानवागढ़ के नेता राजधानी रायपुर पहुंचकर नियुक्तियों में अनियमितता का आरोप लगाया था.
मालाओं से लाद मुंह मीठा कराया, लिफाफा दूसरे नाम का खुला
जिलेभर में सबसे ज्यादा अप्रत्याशित नियुक्ति झाखरपारा मंडल मानी जा रही है. इलाका माली समाज बाहुल्य है. वोटर्स का 68 फीसदी हिस्सा माली समाज से आते हैं इसलिए भाजपा संगठन में पूर्व से माली समाज का दबदबा भी रहा है. झाखरपारा मंडल में ज्यादातर बड़े नेताओं ने मंडल अध्यक्ष के लिए उमाशंकर निधि के नाम पर सहमति दी थी. कॉन्फिडेंस इतना कि नाम के ऐलान से एक दिन पहले ही जश्न मना लिया गया. उमाशंकर को फूल मालाओं से लाद मुंह मीठा कराया गया. सोशल मीडिया में बधाई तक दे दी गई, लेकिन अगले दिन प्रभारी ने बंद लिफाफा से भगवानो बेहेरा का नाम खोल दिया था.
निचले स्तर पर अनियमितता का आरोप
अप्रत्याशित चयन को लेकर माली समाज के बड़े नेता बिन्द्रानवागढ़ के शीर्ष नेताओं के साथ राजधानी पहुंचकर वरिष्ठ नेताओं से शिकायत की थी. निचले स्तर पर अनियमितता का आरोप लगाकर कार्यकर्ताओं की भावना के साथ खिलवाड़ का आरोप लगाया था. भाजपा के ओबीसी प्रकोष्ठ के पूर्व जिला अध्यक्ष व माली समाज के अध्यक्ष नीलकंठ बीसी ने कहा था कि माहौल को असंतोषित करने के लिए कुछ लोगों की यह साजिश है. उमाशंकर पर सबकी सहमति बन गई थी. उन्होंने जल्द ही सामाजिक बैठक लेकर अपना रुख तय करने की बात कही थी.
फिंगेश्वर में बंद कमरे में हुई खींचतान
फिंगेश्वर मंडल में मंजुलता हरित को मंडल अध्यक्ष बनाया गया, ये भाजपा के वरिष्ठ नेता भगवत हरित की बहू है. नाम का ऐलान होते ही भरी बैठक में जमकर हंगामा हुआ. वायरल हुए वीडियो के मुताबिक बंद कमरे में कार्यकर्ता खींचतान करते भी दिख रहे हैं. बताया जा रहा है कि कार्यकर्ता मुकेश साहू पर सहमति दे रहे थे. हंगामा के बीच बड़े नेताओं पर परिवारवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया गया है. यहां का विवाद भी ऊपर तक पहुंच गया है.
- छतीसगढ़ की खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक
- मध्यप्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- दिल्ली की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- पंजाब की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- English में खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक