नई दिल्ली. दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सराय काले खां और मयूर विहार के बीच बारापुला एलिवेटेड रोड परियोजना के खंभों के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण को मंजूरी दे दी है. राजनिवास के मुताबिक, परियोजना 2017 में पूरी होनी थी, लेकिन भूमि अधिग्रहण में हुई देरी के चलते इसे पूरा नहीं किया जा सका.

भूमि अधिग्रहण नहीं होने के चलते लगभग छह साल से अटकी बारापुला चरण तीन परियोजना में अब तेजी आ सकेगी. उपराज्यपाल ने दक्षिण-पूर्व जिले में सराय काले खां के पास नंगली राजापुर गांव में 0.63 हेक्टेयर भूमि के अधिग्रहण को मंजूरी दे दी है. उपराज्यपाल ने भूमि अधिग्रहण के प्रस्ताव को मंजूरी देने के साथ ही अधिकारियों की निष्क्रियता के कारण परियोजना में हुई देरी पर नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि परियोजना का काम आवश्यक भूमि पार्सल के बिना शुरू किया गया था और अधिकारियों द्वारा आवश्यक भूमि पार्सल का अधिग्रहण समय रहते करने के कोई ठोस प्रयास नहीं किए गए. इसके चलते दो क्षेत्रों को जोड़ने और यातायात को कम करने वाली यह सार्वजनिक महत्व की परियोजना प्रभावित हुई. महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि जमीन पर कब्जा न होने, भविष्य में परियोजना के कार्यान्वयन में जोखिम होने के बावजूद परियोजना के निर्माण में सैकड़ों करोड़ रुपये का सार्वजनिक धन खर्च किया गया.

अधिकारियों की तय हो जिम्मेदारीः एलजी

उपराज्यपाल ने परियोजना के नियोजन चरण से लेकर अब तक ऐसे व्यक्तियों, अधिकारियों और इंजीनियरों की पहचान करने और जिम्मेदारी तय करने को कहा है जिनकी वजह से यह परियोजना छह साल बाद भी पूरी नहीं हो सकी. इसकी लागत बढ़ने की वजह से राजकोष को नुकसान हुआ है. उन्होंने इस प्रक्रिया को जल्द से जल्द शुरू करने और इसकी रिपोर्ट उपराज्यपाल सचिवालय को सौंपने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि अगर देरी होती है तो इसकी जिम्मेदारी भी तय करके कर्मचारियों और अधिकारियों पर कार्रवाई होगी.