झारखंड और ओडिशा के लिए बड़ी खुशखबरी है. दरसअल झारखंड और ओडिशा को जोड़ने वाली 60 किलोमीटर लंबी नई रेल लाइन परियोजना को स्वीकृति मिल गई है। यह रेल लाइन दोनों राज्यों के बीच संपर्क को सुधारेगी और क्षेत्रीय विकास को गति देगी।
केंद्र सरकार के रेल मंत्रालय ने बहुप्रतीक्षित बुरामारा-चाकुलिया नई रेल लाइन परियोजना के निर्माण के लिए पूर्वी सिंहभूम जिले में भूमि अधिग्रहण की आधिकारिक अधिसूचना (गजट) जारी कर दी है।
इस महत्वपूर्ण प्रशासनिक कदम के साथ ही बहरागोड़ा और घाटशिला क्षेत्र के रेल मानचित्र पर आने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। रेल लाइन के लिए बहरागोड़ा अंचल के करीब 13 गांवों (मौजा) की जमीन का विस्तृत ब्योरा सार्वजनिक किया गया है।
दक्षिण पूर्व रेलवे (निर्माण संगठन) की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक, 59.96 किलोमीटर लंबी इस विशेष रेल परियोजना के लिए निजी जमीन की आवश्यकता है। अधिग्रहण के दायरे में आने वाली जमीनों की प्रकृति अलग-अलग है। इसमें ”दोन” (खेतिहर निचली भूमि) और ”गोड़ा” (ऊपरी टांड़ भूमि) दोनों तरह की जमीनें शामिल हैं।
गजट में ”दोन 1”, ”दोन 2”, ”दोन 3” तथा ”गोड़ा 1”, ”गोड़ा 2”, ”गोड़ा 3” श्रेणी की जमीनों के अलावा, कई मौजा में ”पोखर” (तालाब), ”नाला”, ”मोटी आड़” और ”पुरानी परती” जैसी भूमियों का भी उल्लेख है।
बुरामारा-चाकुलिया रेलखंड का सामरिक और आर्थिक महत्व काफी अधिक है। करीब 60 किलोमीटर लंबी यह लाइन झारखंड के चाकुलिया को ओडिशा के मयूरभंज जिले स्थित बुरामारा से जोड़ेगी।

वर्तमान में चाकुलिया हावड़ा-मुंबई मुख्य मार्ग पर है। इस मिसिंग लिंक के जुड़ने से चाकुलिया से बारीपदा और बालेश्वर की दूरी काफी घट जाएगी।
सबसे बड़ी बात यह है कि बहरागोड़ा, जो अब तक केवल सड़क मार्ग पर निर्भर था, उसे सीधी रेल कनेक्टिविटी मिलेगी। 1639 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली इस परियोजना से क्षेत्र में कृषि, व्यापार और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।

