पटना। दानापुर मंडल के प्रमुख स्टेशनों में शामिल आरा जंक्शन की वर्षों से लंबित रेल मांगें अब भी पूरी नहीं हुई हैं। इसमें 19313/14 और 19321/22 पटना–इंदौर एक्सप्रेस, राजधानी एक्सप्रेस का ठहराव और 03347/48 पटना–कोलकाता गरीब रथ स्पेशल का स्थायी परिचालन प्रमुख हैं। यात्रियों और स्थानीय रेल संगठनों ने केंद्र सरकार और रेल मंत्रालय से इन मांगों को पूरा करने के लिए आंदोलन तेज कर दिया है।

सुविधाओं की अनदेखी

हावड़ा–नई दिल्ली रूट पर स्थित आरा जंक्शन से भोजपुर, सासाराम, छपरा, सीवान, बलिया समेत कई जिलों के यात्री सफर करते हैं, लेकिन सुविधाओं की अनदेखी यात्रियों में नाराजगी का कारण है। पटना–इंदौर एक्सप्रेस (वाया सुल्तानपुर और वाया अयोध्या) के ठहराव की मांग लंबे समय से हो रही है। यात्रियों का कहना है कि यह ठहराव वाणिज्यिक और परिचालन दोनों दृष्टिकोण से लाभकारी है, मगर दानापुर मंडल व हाजीपुर मुख्यालय ने अब तक रेलवे बोर्ड को फिजिबिलिटी रिपोर्ट नहीं भेजी। भोजपुर और आसपास के जिलों से हर साल हजारों श्रद्धालु उज्जैन जाते हैं, वहीं बड़ी संख्या में छात्र और कामगार इंदौर में रहते हैं, इसके बावजूद सीधी रेल सुविधा उपलब्ध नहीं है।

कोलकाता जाने के लिए दो बार रिजर्वेशन

03319/20 कैपिटल एक्सप्रेस और 03347/48 गरीब रथ स्पेशल का स्थायी परिचालन न होने से यात्रियों को परेशानी होती है। गुवाहाटी, सिलीगुड़ी और कोलकाता जाने के लिए दो बार रिजर्वेशन कराना पड़ता है और स्पेशल ट्रेनों में 1.5 गुना अधिक किराया देना पड़ता है, जिससे बुकिंग कम होती है और ट्रेनें खाली चलती हैं।

गेट आरा में हमेशा रहता है बंद

गरीब रथ का गेट आरा में हमेशा बंद रहता है, जिसके कारण यात्रियों को पटना जाना पड़ता है। अधिक किराए और एसी कोच के कारण ट्रेन में सीटें खाली रहती हैं। यात्रियों का आरोप है कि नियमित ट्रेन की बजाय स्पेशल ट्रेन चलाकर रेलवे ने पल्ला झाड़ लिया है।

बढ़ता जा रहा यात्रियों का रोष

स्थायी परिचालन और ठहराव को लेकर अब तक सांसद और विधायकों ने संसद या विधानसभा में मुद्दा नहीं उठाया। आरोप है कि सांसद सुदामा प्रसाद ने मौजूदा संसद सत्र में भी यह मामला नहीं रखा। रेल यात्री संगठनों ने चेतावनी दी है कि अगर सांसद ने रेल मंत्री से मांग नहीं की, तो विरोध और घेराव किया जाएगा। आरा जंक्शन की इन लंबित मांगों के न सुलझने से यात्रियों का रोष बढ़ता जा रहा है और आंदोलन की तैयारी तेज हो गई है।

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