टुकेश्वर लोधी, आरंग. प्रदेशभर के शासकीय स्कूलों में बैंक खाता संचालित करने के लिए डिजिटल सिग्नेचर के नाम पर अवैध वसूली की शिकायत मिल रही है. वहीं अब आरंग में भी डिजिटल सिग्नेचर के लिए स्कूलों से 3000-3000 मंगवाए जा रहे हैं. जिसके लिए आरंग विकासखंड शिक्षा अधिकारी एन.पी. कुर्रे ने बाकायदा वाट्सएप ग्रुप के माध्यम से शिक्षकों को सूचित भी किया. लेकिन गुरुवार को जब डिजिटल सिग्नेचर बनाने वाले लिए महानदी रिसोर्सेज रायपुर नामक कंपनी आरंग आई, तो आरंग शिक्षक संघों ने इसका खुलकर विरोध किया. जिसके बाद कंपनी के लोग भाग खड़े हुए.

जानकारी के मुताबिक शासकीय स्कूलों का बैंक खाता संचालन करने के लिए डिजिटल हस्ताक्षर अनिवार्य कर दिया गया है. स्कूल के बैंक खाता का संचालन सचिव और कोषाध्यक्ष के रूप में शिक्षक ही करते हैं. एक डिजिटल सिग्नेचर के लिए 1500 रुपये लिया जा रहा है. यानी एक स्कूल से 3000 रुपये डिजिटल सिग्नेचर के लिए कंपनी वसूल रही है.

वीईओ द्वारा भेजा गया मैसेज

आरंग में डिजिटल सिग्नेचर के लिए विकासखंड शिक्षा अधिकारी आरंग द्वारा विकासखंड के लगभग 380 शालाओं को व्हाट्सएप के माध्यम से निर्देश जारी किया कि इस कार्य के लिए प्रत्येक शाला प्रमुख 3000 रुपये लेकर आएं. गुरुवार को जब महानदी रिसोर्सेज रायपुर नामक कंपनी डिजिटल सिग्नेचर बनाने आरंग के बीआरसी भवन आई तो शिक्षकों ने जमकर विरोध किया. विरोध बढ़ता देख डिजिटल सिग्नेचर बनाने वाली कंपनी के स्टॉफ भाग खड़े हुए.

शिक्षकों का कहना है कि बिना किसी लिखित आदेश के 3000 रुपये की वसूली करना बिल्कुल गलत है. यह कार्य नीतिगत और नियमानुसार होनी चाहिए. साथ ही इसके लिए एक लिखित आदेश जारी किया जाए, जो पूरे राज्य में सामान्य रूप से लागू हो.