अररिया। जिले में लगातार जारी भीषण ठंड ने जनजीवन को प्रभावित कर दिया है। कई जिलों में स्कूल बंद कर दिए गए हैं, लेकिन सबसे अधिक असर छोटे बच्चों पर पड़ रहा है। ठंड के बढ़ने के साथ ही बच्चों में ‘कोल्ड डायरिया’ के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। अररिया सदर अस्पताल में इस बीमारी से पीड़ित बच्चों की संख्या में लगातार वृद्धि दर्ज की गई है, जिससे स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है।

बीमार न बच्चों की बढ़ रही संख्या

चिकित्सकों के अनुसार, कोल्ड डायरिया, जिसे विंटर डायरिया भी कहा जाता है, मुख्य रूप से ठंड लगने और वायरल संक्रमण जैसे रोटावायरस या नोरोवायरस के कारण होती है। सर्दियों में बच्चों की कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली इस संक्रमण का आसानी से शिकार हो जाती है। डॉक्टर के अनुसार ठंड लगने से बच्चों की मांसपेशियां प्रभावित होती हैं, जिससे उल्टी और दस्त की समस्या शुरू हो जाती है। रोजाना कई बच्चे इस बीमारी से ग्रस्त होकर अस्पताल पहुंच रहे हैं।

ये है प्रमुख लक्षण

डॉ ने बताया कि इसके प्रमुख लक्षणों में हल्का बुखार, बार-बार उल्टी, पेट दर्द, पतला दस्त और शरीर में पानी की कमी शामिल हैं। समय पर इलाज न मिलने पर छोटे बच्चों में गंभीर निर्जलीकरण (डिहाइड्रेशन) हो सकता है, जो घातक साबित हो सकता है।

सर्दी से बचने की दी सलाह

अभिभावकों को बच्चों को पूरी तरह गर्म कपड़ों से ढककर रखने, टोपी, मोजे-जूते और मोटे स्वेटर या जैकेट पहनाने की सलाह दी गई है। बच्चों को गुनगुना और पौष्टिक भोजन देना भी जरूरी है। प्रवासी मजदूर परिवारों के बच्चे इस ठंड और खराब रहन-सहन से सबसे अधिक प्रभावित हैं।

स्कूल 24 दिसंबर तक बंद रहेंगे

मौसम विभाग ने कई जिलों में कोल्ड डे अलर्ट जारी किया है और अररिया सहित कई जगह स्कूल 24 दिसंबर तक बंद रहेंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि अभिभावक सतर्क रहें और लक्षण दिखते ही नजदीकी अस्पताल या शिशु रोग विशेषज्ञ से तुरंत संपर्क करें।