सुधीर दंडोतिया, भोपाल। मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी ने प्रदेश के निजी स्कूलों की अवैध वसूली, मनमानी, कमीशनखोरी और बच्चों के मौलिक अधिकारों के हनन के संबंध में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से शिकायत की है।

शिक्षा के नाम पर खुलेआम व्यापार

त्रिपाठी ने शिकायत में उल्लेख किया है कि प्रदेश के अधिकतर निजी स्कूल शिक्षा के नाम पर खुलेआम व्यापार कर रहे हैं। अभिभावकों से प्रवेश शुल्क, वार्षिक शुल्क, कंप्यूटर शुल्क, स्मार्ट क्लास शुल्क, बिल्डिंग फंड जैसी मनमानी वसूली के साथ-साथ किताबें, ड्रेस, जूते, बैग आदि पर कमीशनखोरी कर करोड़ों रुपये की अवैध कमाई की जा रही है।

शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन की मिलीभगत

त्रिपाठी ने कहा कि बच्चों के भारी भरकम स्कूल बैग उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बिल्कुल भी उचित नहीं हैं शासन के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद स्कूल प्रबंधन हर साल किताबों की संख्या और सिलेबस में फेरबदल कर रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन इन स्कूलों की अवैध गतिविधियों में पूरी तरह से मिलीभगत कर रहा है। जांच और निरीक्षण केवल कागजों तक सीमित हैं। भोपाल कलेक्टर द्वारा बनाई गई जाँच कमेटी भी आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर पाई है।

शिकायत में प्रमुख मांग की गई -:

  1. प्रदेश के सभी निजी स्कूलों की कार्यप्रणाली और मनमानी की उच्चस्तरीय जाँच हो।
  2. अवैध वसूली, कमीशनखोरी एवं बच्चों के स्वास्थ्य के साथ हो रहे खिलवाड़ पर सख्त कार्रवाई की जाए।
  3. बच्चों और अभिभावकों के शोषण को रोकने के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी किए जाएं पाठयक्रम में NCRT की किताबो को शामिल किया जाए।
  4. दोषी स्कूल प्रबंधन और अधिकारियों पर कठोर दंडात्मक कार्रवाई हो।
  5. हर स्कूल में सशक्त अभिभावक संघ का गठन कर उसकी निगरानी में प्रशासनिक अधिकारियों की भागीदारी सुनिश्चित हो।

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