अमृतांशी जोशी, भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के सबसे बड़े हमीदिया अस्पताल में प्रबंधन की मनमानी सामने आई है। इससे ऐसा लगता है कि नर्सों द्वारा अधीक्षक पर लगाए आरोप सही है। यदि ऐसा नहीं होता तो मीडिया को भीतर जाने से मना नहीं करता। जरूर कुछ न कुछ दाल में काला है जिसमें अस्पताल प्रबंधन की भी मिलीभगत है।

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बता दें कि आधा सैकड़ा नर्सों ने अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर दीपक मरावी पर यौन शोषण सहित समय वेतन नहीं देने सहति विभिन्न आरोप लगाए थे। नर्सों के आरोप के बाद प्रबंधन ने मामले की जांच के लिए कमेटी गठित की थी। कमेटी ने अधीक्षक को क्लीन चिट दे दी है। जांच कमेटी के बाद मामला फिर तुल पकड़ा तो अस्पताल प्रबंधन ने शिकायतकर्ता नर्सों को बयान के लिए दोबारा बुलाया। इसके उन्हें सूचना न भेजकर अस्पताल प्रबंधन ने नोिटस बोर्ड पर सूचना चस्पा कर दिया था। इस बात की जानकारी लगी तो मीडिया भी चस्पा किए गए पोस्टर और आरोपों की जांच पड़ताल करने पहुंची तो उसे भीतर घुसने नहीं दिया।

सिक्योरिटी ने मीडिया की टीम को गेट पर ही रोक दिया और कहा कि उच्च प्रबंधन से परमिशन लेकर आइए। हम आपको घुसने नहीं देंगे। इतना ही नहीं सिक्योरिटी गार्ड और प्रबंधन के अजीबोगरीब तेवर भी सामने आया। कहा सबसे पहले कैमरा बंद करिए यहां कैमरा अलाउड नहीं है, ये सरकारी संस्थान है। यहां कोई पोस्टर नहीं चिपके हैं आप लोगों को गलत सूचना मिली है। हमें अस्पताल प्रबंधन ने कहा है कि किसी भी मीडिया कर्मियों को घुसने न दिया जाए।

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