नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद और प्रकाश जावड़ेकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर गुरुवार को सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म के लिए गाइडलाइन की जानकारी दी. रविशंकर प्रसाद ने कहा कि गाइडलाइन फॉलो करने के लिए सोशल मीडिया कंपनियों के पास 3 महीने का समय होगा. इसके लिए किसी तरह का नया कानून नहीं बना है और ये आईटी एक्ट के अंदर ही आएगा.

दिशा निर्देश के मुताबिक हर कंपनी को शिकायतकर्ता ऑफिसर रखना होगा और 15 दिन में उसका निपटारा होना चाहिए. अगर कोई आपत्तिनजक कंटेंट पोस्ट किया गया है तो उसे 24 घंटे के भीतर हटाना होगा. कंपनियों को चीफ कंप्लायंस ऑफिसर की तैनाती करनी होगी. नियम के पालन पर हर महीने रिपोर्ट देनी होगी. जिसने सबसे पहले आपत्तिनजक पोस्ट डाली, उसकी पहचान बतानी होगी. यानी, जहां से गलत पोस्ट हुआ उसके बारे बताना होगा.

नए दिशा निर्देशों के जरिए फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, नेटफ्लिक्स, अमेजन प्राइम और समाचार से जुड़े वेबसाइटों को नियमित किया जाएगा. सरकार का कहना है कि नए नियमों के तहत एक शिकायत निवारण तंत्र पोर्टल बनाना होगा. नए नियम से फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सएप और लिंक्डइन जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के लिए मांगे जाने पर कंटेंट की जानकारी देना आवश्यक हो गया है.

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि भारत में सोशल मीडिया का दोहरा चरित्र दिखता है. दूसरे देशों में ऐसा नहीं है. हाल ही में लाल किला के मामले पर उन्होंने कहा कि भारत में सोशल मीडिया का डबल स्टैंडर्ड दिखता है. इसलिए ऐसा नहीं चलेगा और उन्हें रेस्ट्रिक्शन फॉलो करना होगा. सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म रेग्यूलेशन के लिए कई प्वाइंटर्स गिनाए गए हैं. इनमें ग्रिवांस रिड्रेसल, वेरिफिकेशन से लेकर कंटेंट हटाए जाने तक शामिल है. सरकार या कोर्ट ऑर्डर पर सोशल मीडिया कंपनियों को कंटेंट हटाने होंगे.

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि ओटीटी को नियमों का पालन करना होगा. सभी मीडिया प्लेटफॉर्म के लिए एक नियम है. ओटीटी, डिजिटल मीडिया के लिए तीन स्तरीय निगरानी व्यवस्था होगी. ओटीटी और वेबसाइट पर डिसक्लेमर देना होगा लेकिन रजिस्ट्रेशन जरूरी नहीं. ओटीटी सेल्फ रेगुलेशन होगा, सुप्रीम कोर्ट या होईकोर्ट के के विशिष्ट व्यक्ति की अध्यक्षता में बॉडी बने ताकि वहां पर सुनवाई हो पाए. इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की तरह ही डिजिटल मीडिया को माफी प्रसारित करनी होगी. सेंसर बोर्ड का एथिक्स कोड कॉमन रहेगा, मीडिया को जवाबदेही होना चाहिए, डिजिटल मीडिया पोर्टल को अफवाह या झूठ फैलाने का अधिकार नहीं है.