पटना। भाजपा की जानी-मानी नेत्री अर्चना भट्ट ने पार्टी से इस्तीफा देकर संगठन के भीतर महिलाओं के सम्मान और उनकी भूमिका को लेकर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। करीब 18 साल तक भाजपा और संघ परिवार से जुड़ी रहीं अर्चना ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा में महिलाओं का सम्मान नहीं है, बल्कि उन्हें लगातार उपेक्षा और अपमान का सामना करना पड़ता है।

इस्तीफे के पीछे की कहानी

अर्चना भट्ट ने कहा कि पार्टी में केवल वही महिलाएं आगे बढ़ सकती हैं जिनका राजनीतिक परिवारिक बैकग्राउंड मजबूत हो या जो किसी सिंडिकेट का हिस्सा हों। उन्होंने आरोप लगाया कि एक साधारण महिला कार्यकर्ता, जिसने वर्षों तक मेहनत की हो उसे संगठन में कभी तरजीह नहीं दी जाती। उन्होंने साफ कहा भाजपा में रहते हुए सम्मान से ज्यादा अपमान मिला।

समाज की उपेक्षा और भावुक बयान

इस्तीफे के दौरान अर्चना भट्ट ने अपने समाज के प्रतिनिधित्व की कमी को भी मुद्दा बनाया। उन्होंने कहा भट्ट समाज को बिहार की राजनीति में कभी कोई बड़ा पद नहीं दिया गया। न विधायक, न मंत्री और न ही संवैधानिक पद। उन्होंने बताया कि उपेक्षा इतनी गहरी है कि समाज के लोग धर्म और नाम तक बदलने को मजबूर हो रहे हैं। इस बयान के दौरान अर्चना भावुक हो गईं और कहा कि पार्टी के भीतर उनका दर्द किसी ने नहीं सुना।

निजी अनुभवों का जिक्र

उन्होंने भाजपा में अपने साथ हुए व्यवहार का दर्द साझा किया। एक घटना को याद करते हुए उन्होंने बताया कि स्थापना दिवस पर रंगोली बनाने के दौरान एक महिला नेता ने उन्हें कुत्ते-बिल्ली की तरह झाड़ दिया था। यहां तक कि एक पुरुष पदाधिकारी ने हाथ उठाने की कोशिश की, लेकिन कार्रवाई उनके खिलाफ हुई। प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल पर भी उन्होंने आरोप लगाया कि वह सब कुछ जानते हुए भी कभी मदद के लिए आगे नहीं आए।

लंबा राजनीतिक सफर और जिम्मेदारियां

अर्चना भट्ट का भाजपा से रिश्ता बेहद पुराना रहा है। प्रदेश संयोजिका,युवा मोर्चा पदाधिकारी,कला-संस्कृति प्रकोष्ठ पदाधिकारी,महिला मोर्चा प्रदेश प्रवक्ता,ओबीसी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य व झारखंड प्रभारी इसके अलावा उनका बैकग्राउंड आरएसएस और दुर्गा वाहिनी से भी जुड़ा रहा है।

नई राह की तलाश

भाजपा से इस्तीफा देने के बाद अर्चना भट्ट ने कहा कि वह राजनीति छोड़ेंगी नहीं, बल्कि किसी दूसरी पार्टी से जुड़कर समाज और देश के लिए काम जारी रखेंगी। हालांकि किस दल में शामिल होंगी, यह उन्होंने साफ नहीं किया। उन्होंने भाजपा और राजद पर एक जैसा आरोप लगाते हुए कहा कि दोनों दलों में महिलाओं को राजनीति करने का माहौल नहीं मिलता।

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