कार्तिक मास को हिंदू पंचांग में सबसे पवित्र महीनों में गिना गया है. यह माह इस वर्ष 8 अक्टूबर से शुरू हुआ है और 5 नवंबर तक रहेगा यानी भक्तों के पास अभी 21 दिन और हैं भक्ति व दीपदान का पुण्य कमाने के लिए. इस पूरे मास में तुलसी पूजा और दीपदान का विशेष महत्व बताया गया है.

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, तुलसी को भगवान विष्णु की प्रिय पत्नी तुलसी देवी का स्वरूप माना गया है. जो व्यक्ति कार्तिक मास में प्रतिदिन तुलसी के पौधे के सामने दीपक जलाता है, वह पापों से मुक्त होकर मोक्ष का अधिकारी बनता है. माना जाता है कि दीप का प्रकाश नकारात्मकता और पाप ग्रहों की छाया को दूर करता है.

पूजन की विधि

प्रातः और संध्या के समय तुलसी के पौधे के सामने घी या तेल का दीप जलाया जाता है, शुद्ध जल अर्पित किया जाता है और सुगंधित धूप चढ़ाई जाती है. इसके साथ ओम् नमो भगवते वासुदेवाय या श्री तुलसी नमः मंत्र का जप करने से मन, तन और घर का वातावरण पवित्र होता है.

पुराणों के अनुसार

कार्तिक मास में प्रतिदिन दीपदान करने वाला व्यक्ति अक्षय पुण्य का भागी बनता है. इस दौरान तुलसी पूजा से घर में लक्ष्मी का वास होता है, ग्रहदोष शांत होते हैं और स्वास्थ्य तथा समृद्धि बनी रहती है.