शब्बीर अहमद, भोपाल। 21 सितंबर को छतरपुर में भड़की हिंसा और उपद्रवियों के मकान पर बुलडोजर की कार्रवाई करने के बाद इसे लेकर प्रदेश में सियासत शुरु हो गई है। मोहन सरकार के एक्शन के बाद राज्यसभा सांसद और विधायक ने कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। थाने में पथराव की घटना के बाद कांग्रेस नेता के मकान को जमींदोज कर दिया गया था, जिस पर अब आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरु हो  गया है। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी के बाद कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को पत्र लिखा है। साथ ही मकान तोड़ने वाले अफसरों पर कार्रवाई की मांग की है। 

यह भी पढ़ें: भदभदा बस्ती से हटाने के बाद युवक ने लगाई फांसी: रहवासी बोला- ‘नगर निगम आए तो घसीटकर मारो…. सिर फाड़ दो, छोड़ना मत’

भोपाल विधायक आरिफ मसूद ने बिना नोटिस दिए घर और गाड़ियां तोड़ने वाले अफसरों पर कार्रवाई करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि छतरपुर की कार्रवाई सीधे-सीधे न्याय व्यवस्था के विपरीत है। मध्य प्रदेश में संविधान लगभग समाप्ति की ओर है। कोई अपराधी अपराध करता है तो उसके लिए न्याय व्यवस्था में कार्रवाई के लिए प्रावधान है। 

यह भी पढ़ें: गाय से अप्राकृतिक कृत्य करने की कोशिश, सफल नहीं होने पर उतारा मौत के घाट, अब खा रहा जेल की हवा

विधायक आरिफ मसूद ने सीएम को पत्र में लिखा, “निवेदन है कि दिनांक 21 अगस्त 2024 को छतरपुर सिटी कोतवाली में घटी घटना के बाद नाराज छतरपुर पुलिस ने स्थानीय प्रशासन के साथ मिल कर दिनांक 22 अगस्त 2024 को बिना नोटिस दिए लोगों के घरों पर बुलडोजर चलाकर जमीदोज कर दिए, जो कि सीधे-सीधे न्याय व्यवस्था के विपरीत है।” 

विधायक आरिफ मसूद ने आगे लिखा, “जिस तरह पुलिस प्रशासन ने कार्यवाही के दौरान घरों एवं वाहनों को जेसीबी और पोखलेन मशीनों से तोड़ा है जिसको देखकर साफ प्रतीत होता है कि मध्यप्रदेश में संविधान लगभग समाप्ति की ओर है यदि कोई अपराधी अपराध करता है तो उसके लिए न्याय व्यवस्था में कार्यवाही करने के लिए प्रावधान है। अतः मेरा आपसे आग्रह है कि उपरोक्तानुसार जिस तरह बगैर नोटिस दिए मकानों को तोड़ा गया है ऐसी कार्यवाही करने वाले अधिकारीयों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जाए जिससे आमजन का विश्वास कानून प्रक्रिया पर बना रहे।”

20 करोड़ की कोठी कैसे बनी, इसकी भी पड़ताल की जाएगी: रामेश्वर शर्मा

कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद के पत्र पर रामेश्वर शर्मा ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि आरिफ मसूद आप अपने पत्र को जड़वा कर, मढ़वा कर रख लीजिए। हो सके तो राहुल अंकल को भी भेज दीजिए। आरिफ मसूद इस बात को समझें कि संविधान की रक्षा की जिम्मेदारी हम सब की है। जो कानून को नहीं मानेगा, संविधान का पालन नहीं करेगा, ऐसे लोग के खिलाफ मोहन यादव की सरकार ऐसी ही कार्रवाई करेगी। अपराधियों को बिरयानी खिलाने का काम कांग्रेस करती है, हम नहीं। गुंडागर्दी करने वाले, पत्थरबाजी करने वाले, आग लगाने वाले अपराधियों के खिलाफ ऐसी ही कार्रवाई की जाएगी। 20 करोड़ की कोठी कैसे बनी, इसकी भी पड़ताल की जाएगी। 

यह भी पढ़ें: डिप्टी सीएम के बंगले के पास लूट: युवक को चाकू मारकर मोबाइल और नगदी ले उड़े बदमाश, CCTV खंगाल रही पुलिस  

गौरतलब है कि कल ताबड़तोड़ कार्रवाई के दौरान आरोपी हाजी शहजाद अली के आलीशान महल को मिट्टी में मिला दिया गया था। इसकी अनुमानित कीमत पांच करोड़ रुपए से अधिक है।  यही नहीं, घर तोड़ने के दौरान वहां खड़ी गाड़ियों को भी चकनाचूर कर दिया गया था। बताया जा रहा है कि हाजी शहजाद अली कांग्रेस का जिला उपाध्यक्ष भी रहा है। उसके घर में खड़ी एक गाड़ी पर उपाध्यक्ष का प्लेट भी लगा हुआ था। यहां पढ़ें पूरी खबर

यह है पूरा मामला

महाराष्ट्र के महंत रामगिरी महाराज ने धर्म विशेष पर विवादित टिप्पणी की थी। जिसके बाद समुदाय के लोग कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराना चाहते थे। जिसको लेकर लगभग 500 से 600 के बीच लोग थाने के बाहर एकत्र हो गए और जमकर नारेबाजी करने लगे। कुछ देर बाद मामला बिगड़ता देख मौके पर एडिशनल एसपी विक्रम सिंह परिहार और एडीएम मलिंद नागदेव पहुंच गए और पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को थाने से बाहर कर दिया। जिसके बाद भीड़ गुस्सा गई और उन्होंने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। घटना में सिपाही भूपेंद्र प्रजापति, ASF का जवान राजेंद्र चढ़ार एवं TI अरविंद कुजूर गंभीर रूप से घायल हो गए।

Follow the LALLURAM.COM MP channel on WhatsApp
https://whatsapp.com/channel/0029Va6fzuULSmbeNxuA9j0m