नई दिल्ली. बुलंदशहर हिंसा मामले में आरोपी जितेंद्र मलिक उर्फ जीतू फौजी को शनिवार देर रात सेना ने मेरठ में यूपी एसटीएफ को सौंप दिया. गिरफ्तार आरोपी जीतू को लेकर पुलिस मेरठ से बुलंदशहर के स्याना थाने पहुंची है. जीतू को आज ही कोर्ट में पेश किया जाएगा.
जानकारी के मुताबिक 22 साल के जितेंद्र मलिक उर्फ जीतू फौजी 22 राष्ट्रीय राइफल्स का हिस्सा है और जम्मू-कश्मीर के सोपोर में तैनात था. बता दें कि कथित गोकशी को लेकर बुलंदशहर में हुई हिंसा के 27 आरोपियों में एक जीतू भी है. हिंसा में पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध सिंह और एक प्रदर्शनकारी सुमित की मौत हुई थी. ऐसे आरोप सामने आ रहे हैं कि जीतू फौजी ने ही इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की पिस्टल से उन्हें गोली मारी थी.
यूपी पुलिस ने जीतू फौजी को गिरफ्तार कर उससे पूछताछ करेगी कि क्या वाकई इंस्पेक्टर सुबोध को जीतू ने गोली मारी थी. बता दें कि आरोपी जितेंद्र मलिक बुलंदशहर के महाव गांव का ही रहने वाला है, और वो छुट्टी में गांव आया था. महाव गांव में ही गोवंश के अवशेष मिलने के बाद हंगामा शुरू हुआ था. हिंसा के दौरान वीडियो में जीतू भीड़ के साथ दिखाई भी दिया.
अब इस मामले को लेकर जीतू के बड़े भाई धर्मेंद्र अपने भाई को पूरी तरह से निर्दोष बता रहे है और कई ऐसे सबूत का हवाला देते हुए जीतू को बेगुनाह साबित करने की बात कह रहे हैं. धर्मेंद्र का कहना है कि पुलिस उनके भाई को फंसा रही है. हिंसा में अपने भाई के शामिल होने संबंधी मीडिया रिपोर्ट्स को पढ़ने के बाद वह अपने पैतृक गांव महाव आ चुके हैं. धर्मेंद्र का दावा है कि उनका भाई बेगुनाह है और हिंसा के जिन विडियो में उसके दिखने की बात की जा रही है, उनमें वह है ही नहीं.