दिल्ली। सरकार ने कोरोना से लड़ाई में जोरशोर से आरोग्य सेतु एक को कारगर हथियार बताते हुए इसकी ब्रांडिंग की। इसमें डाटा की गोपनीयता और सुरक्षा पर इथिकल हैकर्स ने जमकर निशाना साधा। अब ये फिर से चर्चा में आ गया है।
दरअसल, अपनी क्वालिटी रिसर्च के लिए दुनियाभर में मशहूर अमेरिका की मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी यानि एमआईटी ने कोरोना ट्रैकर एप आरोग्य सेतु को लेकर कई जांच की। खास बात ये रही कि इस एप के नतीजे बेहद निराशाजनक रहे। अमेरिकी संस्था ने कई पैमाने पर इस एप को जांचा।
एमआईटी ने ऐप को अमल में लाने के तरीके, डेटा की हैंडलिंग, गोपनीयता और पारदर्शिता से जुड़ी डायनामिक्स का अध्ययन किया और इनको जांचा तो एमआईटी को पता चला कि आरोग्य सेतु ऐप टेस्ट में सिर्फ दो पैमाने पर खरा उतरा है। पहला पैमाना ये रहा कि ये एप समय से यूजर्स का डेटा डिलीट कर देता है और दूसरा यह कि यह सिर्फ उपयोगी डेडा मानदंडों का कलेक्शन ही करता है।
सरकार का ये बहु प्रचारित एप डाटा की गोपनीयता बरकरार रखने और पारदर्शी मानदंडों के मामलों में नाकाम रहा। अन्य देशों की बात करें तो कोविड-19 ट्रैकर में पूरे नंबर पाने वालों में नॉर्वे, इजराइल, चेक गणराज्य, आइसलैंड सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया और ऑस्ट्रिया सबसे आगे हैं। इस टेस्ट ने सरकार के दावों की पोल खोल दी है। देखना है कि सरकार इस पर क्या प्रतिक्रिया देती है।