नासिर बेलीम, उज्जैन। गर्मी के तेवर बढ़ते ही उज्जैन में महांकालेश्वर मंदिर के पंडे- पुजारियों ने भगवान महाकाल को गर्मी से बचाने के लिए जतन प्रारंभ कर दिए है। परम्परा अनुसार मन्दिर में बाबा महाकाल को सहस्त्र जल धारा चढ़ाई जा रही है। प्रतिवर्ष वैशाख कृष्ण प्रतिपदा से राजा महाकाल को गर्मी से निजात के लिए सतत जल धारा के माध्यम से ठंडक दी जाती है। शिवलिंग के ऊपर कई मटकियां लगाई गई हैं। जिनके द्वारा ठंडा पानी सतत गिर रहा है।

शिवलिंग के ऊपर बांधी गई 11 मटकियां

गर्मी आते ही जहां एक ओर लोग घर में ठंडक के लिए कूलर, एसी और पंखों का इंतजाम कर रहे हैं। वहीं भगवान को गर्मी से बचाने के लिए पुजारियों द्वारा भी कई प्रकार के जतन किए जा रहे हैं। उज्जैन के महांकालेश्वर मन्दिर में बाबा भोलेनाथ को जल धारा के माध्यम से ठंडक पहुंचाने का काम प्रारंभ किया गया। यहां बाबा महाकाल को गर्मी से बचाने के लिए शीर्ष पर ग्यारह मटकियां बांधी गई है। इन मटकियों को गन्तिकाएं भी कहा जाता है। मटकियों में अलग-अलग पवित्र नदियों का जल भरा गया है। प्रत्येक मटकियों के माध्यम से अलग अलग जलधार द्वारा भोलेनाथ के शिवलिंग पर जल चढ़ाया जाता हैं।

बाबा महाकाल को यहां जलधारा प्रतिदिन सुबह 6 बजे चढ़ना प्रारंभ की जाती है, जो की शाम 5 बजे तक निरंतर जारी रहती है। यहां पंडे-पुजारी बाबा महाकाल को वैशाख-ज्येष्ठ मास की भीषण गरमी में शीतलता के लिए यह जतन करते हैं। परम्परा अनुसार प्रतिवर्ष वैशाख कृष्ण प्रतिपाद से जल धारा प्रारंभ की जाती है। जल धारा का यह क्रम ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा तक सतत जारी रहता है।

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