पांच साल से DRM कार्यालय में स्थित RPF कार्यालय में भ्रष्टाचार का खेल चल रहा था, बुधवार को विजिलेंस की तीन सदस्यीय टीम ने छापा मारा. जांच में लगभग 30 कर्मियों के एरियर में हेराफेरी कर पौने दो करोड़ रुपये गबन करने का मामला प्रकाश में आया. इसके बाद तत्काल वरिष्ठ लिपिक युवराज सिंह को निलंबित कर दिया गया. ये पूरा मामला पीडीडीयू नगर रेलवे के वरीय मंडल सुरक्षा आयुक्त कार्यालय का है और ये पूरा खुलासा हाजीपुर की विजिलेंस टीम की जांच में हुआ है.

कैसे होता था पूरा खेल ?

विभागीय कर्मचारियों व जवानों के आई पास को डिकोड कर एरियर को बढ़ाकर रिपोर्ट भेज देता था. इसके बाद एरियर के बढ़े धन को अन्य खाते में ट्रांसफर कर देता था. इसकी भनक कई साल तक किसी को नहीं लगी. कुछ दिन पहले इसकी भनक आरपीएफ कमांडेंट जेथिन बी राज को लगी. कमांडेंट ने इसकी शिकायत हाजीपुर विजिलेंस अधिकारियों से की.

 शिकायत मिलने पर मंगलवार की देर रात विजिलेंस के तीन अधिकारियों का दल कमांडेंट कार्यालय में पहुंचकर छानबीन शुरू कर दिया. जांच प्रक्रिया बुधवार की देर रात तक चलता रहा. जांच के दौरान पता चला कि कमांडेंट कार्यालय का कर्मचारी युवराज सिंह विभागीय जवानों व कर्मचारियों के एरियर से छेड़छाड़ कर डेढ़ करोड़ से ज्यादा की रकम का गोलमाल कर चुका है. आरपीएफ कमांडेंट ने प्रथम दृष्टया आरोपी कर्मचारी को निलंबित कर दिया है. वही जांच पड़ताल की आहट मिलते ही आरोपी फरार हो गया है. हालांकि विभाग आरोपी के खिलाफ जांच के अलावा धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराने की तैयारी में जुटा है.

खुद का बनाया था पांच अकाउंट

मानदेय से अन्य भत्ते को कर्मियों के खाते में भेजने वाले वरिष्ठ लिपिक ने खुद का पांच अकाउंट बनाया हुआ था. कर्मियों का खाता नंबर बदलकर हेरफेर कर लेता था. सेवानिवृत्ति के कगार पर पहुंचे जवानों को पता नहीं चल पाता था, जब कुछ कर्मचारियों ने एरियर की बाबत जानकारी ली तो मामले का पोल खुला.