रायपुर. दिगम्बर जैन संत जो अपनी चर्या के लिये पहचाने जाते हैं, जिनको चर्या शिरोमणि कहा जाता है, ऐसे संत आचार्य विशुद्ध सागर जी महाराज का संचा राजधानी रायपुर में खंडेलवाल दिगंबर जैन मंदिर सन्मति नगर, फाफाडीह रायपुर में होने जा रहा है. आचार्य श्री का अपने 21 शिष्यों के साथ दिनांक 10 जुलाई 2022 रविवार को शहर में दोपहर में प्रवेश होने जा रहा है.

रायपुर के इतिहास में में पहली बार है कि 22 निर्मन्थ साधु एक साथ चतुर्मास कर रहे हैं. आचार्य संघ के चातुर्मास के लिये देश के विभिन्न प्रान्तों से समाज के लोगों ने श्रीफल अर्पित कर निवेदन किया, किन्तु छत्तीसगढ़ और राजधानी रायपुर का भाग्य प्रबल था. जिससे उन्हें इस वर्ष 2022 का वर्षायोग कराने का सौभाग्य मिला. 2021 का चातुर्मास तीर्थराज सम्मेद शिखर जी में करने के बाद झारखंड से विहार कर रामपुर चातुर्मास हेतु हजारों किलोमीटर की पदयात्रा करते हुए मार्ग में आने वाले स्थानों में कई जैन मंदिरों की प्रतिष्ठा भी आचार्य संघ के ससंघ सानिध्य में सम्पन्न हुई.

आचार्य के आगमन से जैन समाज में खुशी

अंत मे मध्यप्रदेश के जबलपुर के जिनालय में भी नवीन मंदिर की प्रतिष्ठा कराकर रायपुर की ओर विहार करते हुए मंडला, चिल्फी, कवर्धा, बेमेतरा, होते हुए सिमगा में गुरु शिष्य मिलन हुआ. जिसमें मुनि श्री सुयश सागर जी व सदभाव सागर जी और छुल्लक श्रुत सागर जी ने अपने गुरु और संघ के अन्य मुनिगणों से मिलन किया. आचार्य संघ के चातुर्मास रायपुर में होने के कारण पूरे छत्तीसगढ़ के जैन समाज, स्थानीय जैन समाज और विशुद्ध वर्षायोग 2022 समिति के सभी पदाधिकारियों में खुशी की लहर है. सभी लोग इस चतुर्मास को भव्यता और ऐतिहासिक बनाने तन मन धन से प्रयासरत है. विद्वान और जीवन में आगम अनुसार चर्या करने वाले आचार्य जिन्होंने अभी तक 150 ग्रंथों की रचना कर प्रकाशित करवाया, 45 दीक्षाएं प्रदान की, 105 नवीन जिनालयों की प्रतिष्ठा की.

होंगे विभिन्न अनुष्ठान

विशुद्ध वर्षा योग के अध्यक्ष प्रदीप पाटनी ने बताया कि आचार्य ने 30 चातुर्मास किए हैं. जिसमें स्वयं के जीवन मे भी धर्म को उत्तरोत्तर गति प्रदान की और समाज को अपनी क्रियाएं और प्रवचन के माध्यम से धर्म मार्ग में अग्रसर कराया. आचार्य संघ के कई अन्य साधु देश के विभिन्न स्थानों में चातुर्मास की स्थापना कर समाज को धर्म लाभ दे रहे हैं. आचार्य संघ का 10 जुलाई 2022 रविवार को प्रवेश होने के पश्चात 12 जुलाई 2022 मंगलवार को दोपहर 1 बजे से श्री दिगम्बर जैन मंदिर सन्मति नगर फाफाडीह में चातुर्मास कलश की आगम विधि विधान पूर्वक स्थापना की जाएगी. जिसमें हजारों की संख्या में भक्तगण देश के विभिन्न प्रान्तों से आएंगे और इस मांगलिक क्रियाओं के साक्षी बन धर्म लाभ लेंगे. 13 जुलाई को गुरुपूर्णिमा के पावन अवसर पर विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम आयोजित होंगे. 14 जुलाई 2022 गुरुवार को वीर शासन जयंती मनाई जाएगी. प्रतिदिन विशुद्ध सभा गृह में प्रातः 8.30 बजे से श्रमण सुतं और दोपहर 3.30 बजे से परमात्म प्रकाश पर प्रवचन होंगे.

धार्मिक कार्यक्रमों का होगा आयोजन

पूरे चातुर्मास में प्रतिदिन कई धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा. जिससे समाज के सदस्य धर्म के मार्ग पर अग्रसर होकर जीवन में आमूलचूल परिवर्तन कर अपना जीवन सफल कर सकें. विशुद्ध वर्षायोग 2022 समिति के अध्यक्ष प्रदीप पाटनी और महामंत्री राकेश बाकलीवाल और समाज सहित समिति के पदाधिकारियों ने निवेदन किया है कि इस चातुर्मासिक काल में सभी अधिक से अधिक धार्मिक कार्यक्रमों में सहभागिता देकर इस चातुर्मास से धर्म लाभ भी लें साथ ही इसे ऐतिहासिक बनाने में सहयोग दें.

इसे भी पढ़ें : मंत्री मोहम्मद अकबर ने हनुमान मंदिर में की पूजा अर्चना, कृषि मंडी कवर्धा के नवनियुक्त पदाधिकारियों के पदभार ग्रहण में हुए शामिल