रायपुर। किसी भी व्यक्ति को बचपन से ही अक्षर ज्ञान के साथ सामाजिक अंधविश्वासों व कुरीतियों के संबंध में सचेत किया जाना चाहिए. वैज्ञानिक जागरूकता के विकास से विभिन्न अंधविश्वासों व कुरीतियों का निर्मूलन संभव है, व्यक्ति को अपनी असफलता का दोष ग्रह नक्षत्रों को देने की बजाय स्वयं की खामियों पर विश्लेषण करना चाहिए. यह बात अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ नेत्र विशेषज्ञ डॉ.दिनेश मिश्र ने इटारसी मध्यप्रदेश में आयोजित व्याख्यान में कही.

डॉ. मिश्र ने इटारसी मध्यप्रदेश में आदर्श हायर सेकंडरी स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में कहा हमारे देश के विशाल स्वरूप में अनेक जाति, धर्म के लोग हैं जिनकी परंपराएँ व आस्था भी भिन्न-भिन्न है लेकिन धीरे धीरे कुछ परंपराएँ, अंधविश्वासों के रूप में बदल गई है। जिनके कारण आम लोगों को न केवल शारीरिक व मानसिक प्रताडऩा से गुजरना पड़ता है बल्कि ठगी का शिकार होना पड़ता है। कुछ चालाक लोग आम लोगों के मन में बसे अंधविश्वासों, अशिक्षा व आस्था का दोहन कर ठगते हैं.

उन अंधविश्वासों व कुरीतियों से लोगों को होने वाली परेशानियों व नुकसान के संबंध में समझा कर ऐसे कुरीतियों का परित्याग किया जा सकता है. विभिन्न सामाजिक व चिकित्सा के संबंध में व्याप्त अंधविश्वासों पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा देश के विभिन्न प्रदेशों में अनेक प्रकार के अंधविश्वास प्रचलित हैं जो न केवल समाज की प्रगति में बाधक हैं बल्कि आम व्यक्ति के भ्रम को बढ़ाते हैं, उसके मन की शंका-कुशंका में वृद्धि करते हैं.

डॉ. मिश्र ने कहा आमतौर पर अंधविश्वासों के कारण होने वाली घटनाओं की शिकार महिलाएँ ही होती है. अपनी सरल प्रवृत्ति के कारण से सहज ही चमत्कारिक दिखाई देने वाली घटनाओं व अफवाहों पर विश्वास कर लेती है, व ठगी व प्रताडऩा की शिकार होती है. मध्यप्रदेश के आदिवासी अंचल से डायन के सन्देह में प्रताड़ना के मामले आते है, अभी धार, बैतूल, झाबुआ, छिंदवाड़ा से भी अंधविश्वास की घटनाएं सामने आईं हैं, जिसमें प्रताड़ना के साथ ही भगवान दिखाने के नाम पर रुपए, गहने दुगुना करने के नाम पर ठगी हुई.

अंधविश्वास एवं सामाजिक कुरीतियों के निर्मूलन व सामाजिक जागरण में अपना अमूल्य योगदान विद्यार्थी एवं स्थानीय ग्रामीण भी दे सकते हैं. उन्हें आस-पास के लोगों को इस संदर्भ में विज्ञान सम्मत जानकारी देनी चाहिए. कार्यक्रम में व्याख्यान के बाद चमत्कारों की वैज्ञानिक व्याख्या भी प्रस्तुत की गई व प्रश्नोत्तर हुए. कार्यक्रम को होशंगाबाद जिला समन्वयक बीएल मलैया, आदर्श हायर सेकंडरी स्कूल इटारसी  प्राचार्य जीपी शर्मा भी संबोधित किया.