दिल्ली. साल 2014 के आम चुनाव में धांधली होने के एक साइबर विशेषज्ञ के दावे को बीजेपी ने सोमवार को खारिज कर दिया। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) से छेड़छाड़ के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि कांग्रेस की मूर्खता संक्रामक होती जा रही है। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि राफेल के बाद अब ईवीएम हैकिंग ‘अगला बड़ा झूठ’ है। उन्होंने कहा कि ये आरोप ‘बिल्कुल बकवास’ हैं।
जेटली ने ट्वीट किया, ‘क्या चुनाव आयोग और ईवीएम के निर्माण, प्रोगामिंग तथा चुनाव कराने में शामिल लाखों कर्मचारियों की भाजपा के साथ साठगांठ थी- यह पूरी तरह से बकवास है।’ उन्होंने कहा कि क्या कांग्रेस को लगता है कि लोग इतनी आसानी से धोखा खाने वाले हैं कि वे किसी भी कूड़े को निगल लेंगे ? कांग्रेस पार्टी में मूर्खता संक्रामक होती जा रही है।
इसके अलावा बीजेपी ने धांधली के ऐसे आरोपों को कांग्रेस द्वारा आयोजित ‘हैकिंग हॉरर शो’बताया। बीजेपी का कहना है कि विपक्षी पार्टी ने आगामी लोकसभा चुनाव में अपनी संभावित हार के लिए तलाशना शुरू कर दिया है। कांग्रेस पर तीखा हमला करता हुए केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि लंदन में संवाददाता सम्मेलन के दौरान उसके नेता कपिल सिब्बल का मौजूद रहना संयोग नहीं था। नकवी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और उनकी मां सोनिया गांधी समेत शीर्ष कांग्रेस नेताओं ने सिब्बल को अपने ‘पोस्टमैन’ के रूप में भेजा होगा।
भाजपा नेता ने संवाददाताओं से कहा, ‘इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन को हैक नहीं किया जा सकता। यह स्पष्ट है कि भारत विरोधी ताकतों ने कांग्रेस के दिमाग को हैक कर लिया है। लोकसभा चुनाव में हार से पहले हमने कांग्रेस की ओर से आयोजित हैकिंग हॉरर शो को देखा है। वह अपनी आसन्न हार के लिये बहाना ढूंढ रही है।’ उन्होंने कहा कि ये आरोप भारत को बदनाम करने की कवायद का हिस्सा हैं और लोग इस तरह के प्रयास को कभी स्वीकार नहीं करेंगे।
वहीं, कांग्रेस ने ईवीएम को हैक करने संबंधी साइबर विशेषज्ञ के दावे की पृष्ठभूमि में सोमवार को कहा कि ईवीएम से जुड़े ‘संदेह’ को खत्म करने के लिए चुनाव आयोग आगामी लोकसभा चुनाव में 50 फीसदी वीवीपैट का मिलान सुनिश्चित करे। पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने संवाददाताओं से कहा, ‘दुनिया में कुछ चुनिंदा देशों में ईवीएम का उपयोग हो रहा है। कुछ देशों में जहां इसका उपयोग हो रहा था, वहां अब नहीं हो रहा है।’
उन्होंने कहा, ‘हम चाहते थे कि मतपत्रों से चुनाव हों, लेकिन अब दो-तीन महीने का समय है इसलिए फिलहाल मतपत्रों से चुनाव संभव नहीं है। ऐसे में वीवीपैट की 50 फीसदी पर्चियों का मिलान होना चाहिए। चुनाव आयोग को तय करना चाहिए कि समुचित मात्रा में वीवीपैट की पर्चियों का मिलान हो।’
उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘आपको पता है कि कुछ मशीनों से खिलवाड़ किया जाता है। आंशिक रूप से किया जाता है। अगर लोकतंत्र में ईवीएम को लेकर इतना भयावह संदेह है तो इस संदेह को हटाने के लिए 50 फीसदी पर्चियों की मिलान होनी चाहिए।’ सिंघवी ने कहा कि साइबर विशेषज्ञ के दावे को देखने के बाद ही वह इसपर टिप्पणी करेंगे।