दिल्ली. वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से देश की आर्थिक विकास दर धीमी होने की बात कहने वालों को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने करारा जवाब दिया है. एक कार्यक्रम को वीडियो लिंक के माध्यम से संबोधित करते हुए जेटली ने जीएसटी को ऐतिहासिक सुधार बताया. जीएसटी के आलोचकों को आड़े-हाथों लेते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि इस ऐतिहासिक टैक्स सुधार का नकारात्मक असर देश की आर्थिक विकास दर पर केवल दो तिमाहियों तक रहा.
गौरतलब है कि पिछले सप्ताह शनिवार को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने इस अप्रत्यक्ष कर सुधार को भारतीय विकास यात्रा को पटरी से उतारने वाला बताया था. जेटली ने कहा कि आपको हमेशा ऐसे आलोचक और विरोधी मिल जाएंगे, जो कहेंगे कि इसने भारत की विकास दर को धीमा किया है. जेटली एक वीडियो लिंक के जरिए सार्वजनिक क्षेत्र के यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के 100वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे.
वित्त मंत्री ने कहा कि दो तिमाहियों तक कम रहने के बाद देश की विकास दर बढ़कर सात फीसद तक पहुंच गई. इसके बाद यह 7.7 फीसदी तक पहुंच गई और पिछली तिमाही में यह और बढ़कर 8.2 फीसद तक पहुंच गई. उन्होंने इस बात पर विशेष रूप से ध्यान दिलाया कि यह विकास दर 2012-14 के बीच दर्ज की गई 5-6 फीसद की विकास दर से काफी अधिक है.
उन्होंने कहा कि जीएसटी आजादी के बाद भारत का सबसे बड़ा कर सुधार है और सिर्फ दो तिमाहियों तक इसका आर्थिक विकास पर परेशानी पैदा करने वाला प्रभाव रहा. जीएसटी पिछले वर्ष जुलाई में लागू किया गया था.