जम्मू कश्मीर की सरकार ने 25 किताबों को बैन कर दिया है. इसमें विवादित लेखों के लिए बदनाम अरुंधति रॉय और संवैधानिक विशेषज्ञ एजी नूरानी की किताबें भी हैं. इन पुस्तकों को जब्त करने का भी आदेश दिया गया है. केंद्र का आरोप है कि इन किताबों से अलगाववाद को बढ़ावा दिया जा रहा है। ये किताबें भारत की संप्रभुता और अखंडता के लिए खतरा हैं। यह एक्शन भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 98 के तहत लिया गया है। इसके अलावा, आईपीसी की धारा 152, 196 और 197 भी लगाई गई हैं।

बयान में कहा गया है कि जांच और विश्वसनीय खुफिया जानकारी पर आधारित उपलब्ध साक्ष्य स्पष्ट रूप से संकेत देते हैं कि हिंसा और आतंकवाद में युवाओं की भागीदारी के पीछे एक महत्वपूर्ण कारक झूठे विमर्शों और अलगाववादी साहित्य का व्यवस्थित प्रसार रहा है, जो अक्सर ऐतिहासिक या राजनीतिक टिप्पणी के रूप में आंतरिक रूप से प्रसारित होता रहता है. आदेश में आगे कहा गया है ऐसा साहित्य भारत के खिलाफ ‘युवाओं को गुमराह करने, आतंकवाद का महिमामंडन करने और हिंसा भड़काने’ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.

5 अगस्त को जारी हुआ नोटिफिकेशन

लेफ्टिनेंट गवर्नर ने यह नोटिफिकेशन 5 अगस्त 2025 को जारी किया। यह वही दिन है जब जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35 (A) को निरस्त किया गया था और जम्- कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित किया गया था। नोटिफिकेशन में आगे कहा गया है कि ये साहित्य युवाओं के मन पर गहरा प्रभाव डाल रहे हैं। युवाओं को कट्टरपंथी बनाने में योगदान दे रहे हैं। इन किताबों में ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है। आतंकवादियों को महिमामंडित किया गया है और सुरक्षाबलों को बदनाम किया गया है।

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किन किताबों को किया गया बैन?

जिन लेखकों की किताबों पर प्रतिबंध लगाया गया है उनमें विक्टोरिया स्कोफील्ड, सुमंत्रा बोस और क्रिस्टोफर स्नेडेन भी शामिल हैं. एजी नूरानी ने कश्मीर और उसके भारत में विलय के बाद उसकी संवैधानिक व्यवस्था पर व्यापक रूप से लिखा है. उनकी पुस्तक द कश्मीर डिस्प्यूट 1947-2012 पर प्रतिबंध लगा दिया गया है और उसे ज़ब्त कर लिया गया है.

ब्रिटिश लेखिका और इतिहासकार विक्टोरिया स्कोफील्ड की पुस्तक कश्मीर इन कॉन्फ्लिक्ट – इंडिया, पाकिस्तान एंड द अनएंडिंग वॉर पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है. सुमंत्र बोस द्वारा लिखित दो पुस्तकें कंटेस्टेड लैंड्स और कश्मीर एट द क्रॉसरोड्स प्रतिबंधित और जब्त प्रकाशनों में शामिल हैं.

पेंगुइन इंडिया द्वारा प्रकाशित अरुंधति रॉय की आज़ादी भी अब जम्मू-कश्मीर में प्रतिबंधित पुस्तकों में शामिल है. पिओटर बाल्सेरोविज और एग्निएस्का कुस्ज़ेवस्का द्वारा लिखित लॉ एंड कॉन्फ्लिक्ट रेज़ोल्यूशन प्रतिबंधित सूची में शामिल एक अन्य किताब है.

बैन की गई 25 किताबों की लिस्ट

  1. पियोत्र बाल्सेरोविक्ज़ और एग्निज़्का कुस्ज़ेव्स्का की ह्यूमन राइट्स वॉयलेशन इन कश्मीर
  2. मुहम्मद यूसुफ सराफ की कश्मीर फाइट फॉर फ्रीडम
  3. हाफ़सा कंजवाल की कोलोनाइजिंग कश्मीर
  4. डॉ. अब्दुल जब्बार गोखामी की कश्मीर पॉलिटिक्स एंड प्लेबिसाइट
  5. एस्सार बतूल और अन्य की डू यू रिमेंबर कुनान पोशपोरा
  6. इमाम हसन उल बना शहीद की मुजाहिद की अजान
  7. मौलाना मौदूदी की अल जिहाद फिल इस्लाम
  8. क्रिस्टोफर स्नैडेन की इंडिपेंडेंट कश्मीर
  9. हेली दुश्चिन्स्की, मोना भट, अथर ज़िया और सिंथिया महमूद की रेसिस्टिंग ऑक्यूपेशन कश्मीर
  10. सीमा काज़ी की बिटवीन डेमोक्रेसी एंड नेशन
  11. सुमित्रा बोस की कंटेस्टेड लैंड्स
  12. डेविड देवदास की इन सर्च ऑफ फ्यूचर
  13. विक्टोरिया शॉफील्ड की कश्मीर इन कॉन्फ्लिक्ट
  14. एजी नूरानी की द कश्मीर डिस्प्यूट
  15. सुमित्रा बोस की कश्मीर एट द क्रोस रोड्स
  16. अनुराधा भसीन की अ डिस्मेंटेल्ड स्टेट
  17. अथर ज़िया की रेसिस्टिंग डिस्अपिएरेंस
  18. स्टीफन पी कोहेन की कंफर्टिंग टेररिज्म
  19. राधिका गुप्ता की फ्रीडम इन कैप्टिविटी
  20. तारिक अली हिलाल भट, अंगना पी चटर्जी, पंकज मिश्रा और अरुंधति रॉय की कश्मीर
  21. अरुंधति रॉय की आजादी
  22. डॉ. शमशाद शान की यूएसए एंड कश्मीर
  23. पियोत्र बाल्सेरोविक्ज़ और एग्निज़्का कुस्ज़ेव्स्का की लॉ एंड कॉन्फ्लिक्ट रेजोलूशन इन कश्मीर
  24. डॉ. अफाक की तारीख ई सियासत ए कश्मीर
  25. सुगाता बोस और आयशा जलाल की कश्मीर एंड द फ्यूचर ऑफ साउथ एशिया

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