why Arvind Kejriwal Resign: सीएम पद से त्याग देने के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक अरविंद केजरीवाल पहली बार ‘जनता की अदालत’ (Janata Ki Adalat) में लोगों से मुखातिब हुए। 22 सितंबर दिल्ली के जंतर-मंतर पर जनता को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने साल 2011 के जन लोकपाल बिल के आंदोलन के दिनों को याद किया। केजरीवाल ने कहा, 4 अप्रैल 2011 का दिन था और आजाद भारत का भ्रष्टाचार विरोधी सबसे बड़ा आंदोलन इसी जंतर-मंतर में शुरू हुआ था, जोकि डेढ़ दो साल तक चल था। इस बार भ्रष्टाचार का दाग मेरे ऊपर लगाया गया है। हमारे मंत्रियों और नेताओं को चुन-चुनकर जेल में डाला। इस दौरान केजरीवाल ने बताया क्यों छोड़ी CM की कुर्सी?
अरविंद केजरीवाल ने अपने संबोधन में दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से अपने इस्तीफे का जिक्र करते हुए कहा, ‘मैंने इस्तीफा इसलिए दिया क्योंकि सीएम की कुर्सी की भूख नहीं है मुझे। मुझे पैसे नहीं कमाने. हम देश की राजनीती बदलने आए थे। मैं नेता नहीं हूं, मेरी मोटी चमड़ी नहीं है।
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पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा वाले जब मुझे चोर और भ्रष्टाचारी कहते हैं तो मुझे फर्क पड़ता है, दुःख होता है। मैं आज इसलिए यहां आया हूं क्योंकि मैं अंदर से पीड़ित और दुःखी हूं। थोड़े दिन में मुख्यमंत्री आवास भी छोड़ दूंगा। आज मेरे पास घर भी नहीं है, लेकिन लोगों का प्यार खूब मिला है। दिल्ली के कई लोगों का मैसेज आया कि आप मेरे घर में आकर रहो।
अरविंद केजरीवाल ने कहा, ‘भ्रष्टाचार किया होता तो 10 साल में 10 कोठी, घर बन जाते। लेकिन 10 साल में जनता का प्यार कमाया। यह केस इतनी जल्दी नहीं खत्म होने वाला। पता नहीं कितने दिन चलेगा। तब तक मैं भ्रष्टाचार के दाग के साथ मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठ सकता था। इस दाग के साथ मैं जिंदा नहीं रह सकता। इसलिए मैंने इस्तीफा देकर जनता की अदालत में जाना तय किया है।
सभी 70 विधानसभाओं में लगेगी जनता की अदालत
गौरतलब है कि अरविंद केजरीवाल आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए बनाई गई योजनाओं के तहत सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में जनता की अदालत लगाएंगे। साथ ही जनता से सवाल पूछेंगे कि आम आदमी पार्टी की सरकार ईमानदार सरकार है या नहीं? वह जनता ये भी पूछेंगे कि लोग उन्हें ईमानदार मानते हैं या नहीं?
15 को ऐलान और 17 सितंबर को छोड़ दिया था पद
पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल दिल्ली आबकारी नीति मामले में 13 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद तिहाड़ जेल से रिहा हो गए थे। उन्होंने 15 सितंबर सीएम पद से इस्तीफा देने का ऐलान किया था और फिर 17 सितंबर को उन्होंने सीएम पद छोड़ दिया। अरविंद केजरीवालने आप कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि जब तक जनता की अदालत में उन्हें ईमानदार साबित नहीं किया जाता, तब तक वह दिल्ली में सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठेंगे।
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