सुधीर दंडोतिया, भोपाल। मध्य प्रदेश में कांग्रेस के 144 प्रत्याशियों की सूची जारी होते ही विरोधियों के सुर तेज होने लगे हैं। जैसे-जैसे घड़ी बीत रही है। पार्टी के नेताओं के इस्तीफे आते जा रहे हैं। सतना जिले के नागौद क्षेत्र से विधायक रहे कांग्रेस नेता यादवेन्द्र सिंह ने आज बसपा का दामन थाम लिया है।
यादवेन्द्र सिंह ने थामा आज बसपा का दामन
कांग्रेस के पूर्व विधायक यादवेंद्र सिंह कांग्रेस का दामन छोड़कर बसपा में सदस्यता ले ली। उनके साथ सैकड़ो कार्यकर्ताओं ने बसपा की सदस्यता ली है। बहुजन समाज पार्टी (BSP) के मध्यप्रदेश प्रभारी और राज्यसभा सांसद रामजी गौत, बसपा प्रदेश अध्यक्ष रमाकांत के समक्ष बसपा प्रदेश कार्यालय भोपाल में इन्होने सदस्यता ली है।
यादवेंद्र सिंह नागौर कांग्रेसी दिग्गज अजय सिंह राहुल के करीबी रहे हैं और टिकट न मिलने से नाराज होकर वे कांग्रेस छोड़ बसपा में शामिल हो गए। उन्होंने कहा कि मैं अजय सिंह राहुल का करीबी था इसलिए मेरा टिकट काटा है। बीता चुनाव 1235 वोट से हारा था। मैं पुराना कांग्रेसी, न जाने क्या गुनाह किय। उन्होंने कमलनाथ पर भी जुबानी प्रहार करते हुए कहा कि कमलनाथ की पुरानी आदत गई नहीं है। 2 साल पहले बीजेपी से आई एक लड़की को टिकट दिया था।
2 करोड़ में बिका कांग्रेस का टिकट
उन्होंने आगे कहा, कमलनाथ सौंदर्यीकरण के पीछे है। पूर्व मंत्री सज्जन सिंह को भी उन्होंने लफंगा बताया। 2 करोड़ में कांग्रेस का टिकट बिका है। कांग्रेस में सर्वे के आधार पर नहीं पैसे के आधार पर टिकट बिक रहे। 90 फीसदी कार्यकर्ता के साथ कल मेरा शक्ति प्रदर्शन होगा
कमलनाथ और सज्जन सिंह वर्मा को गुलदस्ता देने वाली महिला को टिकट दिया है। टिकट काटने के बाद दिग्विजय सिंह सहित कमलनाथ ने मेरा फोन नहीं उठाया। बीएसपी ने मेरा साथ दिया है और बीएसपी से ही चुनाव लड़ूंगा।
जिला पंचायत सदस्य शारदा खटीक ने दिया था पार्टी से इस्तीफा
कांग्रेस की सूची जारी होते ही पार्टी के नेताओं में नाराजगी खुलकर बाहर आने लगी है। कई नेता कांग्रेस की सूची से खफा नजर आ रहे हैं। बता दें कि सागर की नरयावली विधानसभा से चार बार की जिला पंचायत सदस्य शारदा खटीक ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर कांग्रेस से इस्तीफा देने की बात कही थी।
उन्होंने कहा था कि इस विधानसभा चुनाव के लिए वह दावेदारी कर रही थी। कांग्रेस के आलाकमान द्वारा उन्हें आश्वासन भी दिया गया था लेकिन कांग्रेस द्वारा उनके स्थान पर सुरेंद्र चौधरी को टिकट दे दी गई है। आगे कहा कि उन्होंने जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीता है और बेटे को वार्ड परिषद बनाया है। पार्टी की सोच थी कि जो जिले में जीत दर्ज करेगा, टिकट उसी को दिया जाएगा। बावजूद इसके पार्टी ने 3 बार के हारे हुए नेता को टिकट दिया है। जिस पर मैं कांग्रेस से इस्तीफा दे रही हूं।
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