आगरा. उत्तर प्रदेश के आगरा में परिवार परामर्श केंद्र में एक दिलचस्प मामला सामने आया. यहां थाना एत्माद्दौला का एक दंपति आया, जिनकी शादी को सिर्फ आठ महीने ही हुए थे. पति ने पत्नी को छोड़ने का निर्णय इसलिए लिया क्योंकि पत्नी उससे अधिक पढ़ी-लिखी थी.

काउंसलर डॉ. अमित गौड ने बताया कि पति की दलील है कि पत्नी अपनी मनमर्जी करती है और यदि उसे साथ रहना है तो उसे पढ़ाई छोड़नी होगी, अन्यथा वह मायके चली जाए. वहीं, पत्नी ने आरोप लगाया कि शादी से पहले पति ने उसे पढ़ाई जारी रखने का वादा किया था, लेकिन अब वह ऐसा नहीं चाहते. पत्नी का सपना है कि वह पढ़-लिखकर आत्मनिर्भर बन सके. जब समझौता नहीं हो सका तो दोनों को अगली सुनवाई की तारीख दी गई.

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दोनों के बीच नहीं हो सका समझौता

परिवार परामर्श केंद्र में कुल 112 मामले आए, जिनमें से 10 में समझौता कराया गया. एक अन्य मामला देहात से था, जिसमें एक युवती की शादी इस वादे के साथ की गई थी कि लड़का शहर में नौकरी करता है, लेकिन शादी के बाद उसे गांव भेज दिया गया. काउंसलर डॉ. अमित ने बताया कि लड़की गांव में रहकर खेतों में काम नहीं करना चाहती, बल्कि वह अपने पति के साथ शहर में रहना चाहती है. लेकिन पति उसे गांव में ही रखना चाहता है. इस मामले में भी दोनों के बीच समझौता नहीं हो सका.

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