Asaduddin Owaisi Bihar visit: हैदराबाद से सांसद और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी आज शुक्रवार (2 मई) को बिहार के दो दिवसीय दौरे पर पहुंच रहे हैं. बिहार विधानसभा चुनाव से पहले ओवैसी का यह दौरा काफी अहम माना जा रहा है. ओवैसी ने घोषणा की है कि उनकी पार्टी AIMIM बिहार चुनाव में पूरी ताकत के साथ उतरेगी. बिहार में इस बार AIMIM करीब 50 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है.
ओवैसी के बिहार दौरे का पूरा शेड्यूल
पार्टी प्रवक्ता आदिल हसन के मुताबिक आज शुक्रवार की शाम असदुद्दीन ओवैसी किशनगंज पहुंचेंगे, जहां वे आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टी नेताओं के साथ बैठक करेंगे और किशनगंज में ही उनका रात्रि विश्राम होगा. वहीं, कल शनिवार को वह किशनगंज के बहादुरगंज में एक रैली को संबोधित करेंगे. उसके बाद दरभंगा के लिए प्रस्थान करेंगे. जहां, पार्टी नेताओं के साथ उनकी बैठक होनी है.
मोतिहारी के ढाका में भी रैली का आयोजन
शनिवार को ही असदुद्दीन ओवैसी दरभंगा से मोतिहारी चले जाएंगे, जहां उनका रात्रि विश्राम होगा. अगली सुबह 4 मई को वह मोतिहारी के ढाका में रैली को संबोधित करेंगे. उसके बाद रविवार 4 मई को ही वह गोपालगंज जाएंगे. वहां पर पार्टी नेताओं के साथ बैठक करेंगे. बैठक के बाद गोपालगंज से ही 4 मई को गोरखपुर के लिए रवाना हो जाएंगे.
बिहार में AIMIM की भूमिका
AIMIM ने बिहार की राजनीति में पिछले कुछ वर्षों में अपनी उपस्थिति को मजबूत किया है, खासकर मुस्लिम-बहुल क्षेत्रों में. 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी ने सीमांचल क्षेत्र में पांच सीटें (अमौर, जोकीहाट, बहादुरगंज, बैसी, और कोचाधामन) जीतकर सबको चौंका दिया था. हालांकि, बाद में चार विधायक राजद में शामिल हो गए थे, जिससे AIMIM को झटका लगा था. वर्तमान में पार्टी के पास बिहार में केवल एक विधायक अख्तरुल इमान, अमौर से है.
विपक्ष से मिलता है वोट कटवा का टैग
विपक्षी दल, खासकर RJD और कांग्रेस, AIMIM को “वोट कटवा” और BJP की “बी-टीम” होने का आरोप लगात है. उनका दावा है कि AIMIM के उम्मीदवार महागठबंधन के वोट बांटकर NDA को फायदा पहुंचाते हैं. हालांकि, ओवैसी इन आरोपों को खारिज करते हैं और कहते हैं कि उनकी पार्टी स्वतंत्र रूप से अपनी विचारधारा के साथ चुनाव लड़ती है. 2025 के चुनाव में अधिक से अधिक सीटे जीतकर ओवैसी विपक्ष द्वारा लगाए जा रहे वोट कटवा टैग को हटाना चाहेंगे.
बहादुरगंज से तौसीफ आलम को टिकट
2025 के चुनाव में AIMIM का लक्ष्य खोई हुई सीटों को वापस जीतना और नई सीटों पर प्रभाव डालना है. साथ ही अन्य सीटों पर भी सक्रियता बढ़ाना है. ओवैसी किशनगंज की बहादुरगंज विधानसभा सीट से पहले ही उम्मीदवार की घोषणा कर चुके हैं. ओवैसी ने क्षेत्र से पूर्व विधायक तौसीफ आलम को टिकट देने का ऐलान किया है. हालांकि इस फैसले से नाराज दर्जनों नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था.
AIMIM की बिहार में मजबूत क्षेत्र
AIMIM की ताकत मुख्य रूप से बिहार के सीमांचल क्षेत्र में है, जो चार जिलें किशनगंज, अररिया, पूर्णिया, और कटिहार को मिलाकर बनता है. ये क्षेत्र मुस्लिम बहुल क्षेत्र हैं. सीमांचल में मुस्लिम आबादी 40-70% तक है, जो AIMIM के लिए अनुकूल है. खासकर किशनगंज (लगभग 68% मुस्लिम), अररिया, पूर्णिया, और कटिहार में मुस्लिम वोटर निर्णायक भूमिका निभाते हैं.
हालांकि AIMIM को कोशिश अब सीमांचल से बाहर भी अपनी पहुंच बढ़ाने पर होगी. 2024 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने बिहार की 16 सीटों पर उम्मीदवार उतारे, जिनमें दरभंगा, मुजफ्फरपुर, और पटलीपुत्र शामिल थे. 2025 में भी पार्टी गैर-सीमांचल क्षेत्रों, जैसे बेलागंज और इमामगंज, में सक्रिय हैं.
तेजस्वी की बढ़ा सकती हैं मुश्किलें
बिहार चुनाव से पहले ओवैसी का यह दौरा कार्यकर्ताओं में जोश भरने और स्थानीय नेताओं को एकजुट करने में काफी मददगार साबित हो सकता है. बहादुरगंज में जनसभा के जरिए वे मुस्लिम वोटरों को एकजुट करने की कोशिश करेंगे. हालांकि ओवैसी का यह कदम RJD नेता तेजस्वी यादव के लिए चुनौती है, क्योंकि AIMIM के मजबूत होने से महागठबंधन का मुस्लिम-यादव समीकरण प्रभावित हो सकता है.
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