नई दिल्ली। जेल में कैद आसाराम बापू को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है. बापू की अंतरिम जमानत याचिका खारिज हो गई है. सुप्रीम कोर्ट ने आसाराम के ऋषिकेश में इलाज के लिए आयुर्वेदिक संस्थान भेजने की याचिका पर सुनवाई के लिए राजी हो गई है. आसाराम को ऋषिकेश के आयुर्वेदिक अस्पताल में भर्ती कराने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार को नोटिस जारी किया है.

आसाराम के वकील सिद्धार्थ लूथरा ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि सीटी स्कैन से पता चलता है कि आसाराम के फेफड़ों को 38 फीसदी नुकसान हुआ है और उन्हें वायरल निमोनिया है. साथ ही उन्हें गैस्ट्रो-आंत्र रोगों से पीड़ित और ऑक्सीजन की समस्या है.

कोरोना संक्रमित आसाराम ने आग्रह किया है कि उन्हें एलोपैथिक दवाओं के सहारे न रखा जाए. इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार तक राज्य को इस संबंध में पक्ष रखने के लिए कहा है और अब मंगलवार को इस मामले की सुनवाई होगी. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में राज्य सरकार से जवाब मांगा है.च

हाईकोर्ट में भी लगाई थी याचिका

इससे पहले भी आसाराम बापू ने राजस्थान हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी लेकिन हाईकोर्ट ने अंतरिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी. स्वास्थ्य के आधार पर अंतरिम जमानत याचिका की मांग कर रहा था. कोरोना से संक्रमित होने के बाद एम्स में भर्ती किया गया था.

2013 से जेल में

दुष्कर्म के मामले में दोषी आसाराम बापू आजीवन कारावास की सजा काट रहा है. 2013 से ही आसाराम जोधपुर की सेंट्रल जेल में सजा काट रहा है और कई बार बीमारी के बहाने उसने कोर्ट में अंतरिम जमानत याचिका पेश किया था. लेकिन आज तक ट्रायल कोर्ट से लेकर हाईकोर्ट ने सभी कोशिशें नाकाम रही हैं. साल 2018 में आसाराम बापू को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी. एक अदालत ने बापू को अपने आश्रम में लड़की से बलात्कार को दोषी पाया था.

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