जोधपुर, राजस्थान। आसाराम बापू को दोषी करार दिया गया है. जोधपुर सेंट्रल जेल में ही कोर्ट रूम बनाया गया है. इस केस में मुख्य आरोपी आसाराम बापू, उनका सेवादार शिवा, आश्रम का रसोइया प्रकाश द्विवेदी, गुरुकुल की वॉर्डन शिल्पी उर्फ संचिता और शरदचंद्र थे. इनमें से आसाराम बापू, शिल्पी और शरदचंद्र को दोषी करार दिया गया है. वहीं शिवा और प्रकाश को रिहा कर दिया गया है.

बता दें कि आसाराम पर नाबालिग से यौन शोषण का आरोप लगा था. आसाराम और अन्य आरोपियों पर 1200 पन्नों की चार्जशीट में 14 धाराएं लगाई गईं.

हमें न्याय मिला- पीड़िता के पिता

इधर पीड़िता के पिता ने कहा है कि उन्हें न्याय मिला.

सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम

इधर आसाराम पर आज आने वाले फैसले को लेकर पुलिस और प्रशासन पहले से ही सतर्क था. 3 राज्यों में अलर्ट जारी है, ताकि आसाराम के अनुयायी किसी भी तरह का उपद्रव नहीं मचाएं. जब बाबा गुरमीत राम रहीम पर फैसला आया था, उस वक्त हरियाणा हिंसा की आग में जल उठा था. आसाराम के केस में ऐसा नहीं हो, इसके लिए 3 राज्यों की सरकारें पहले से ही अलर्ट हैं.

जोधपुर में धारा-144 लागू है. चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात है. दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा समेत देश में जहां-जहां भी आसाराम बापू के आश्रम हैं, वहां पुलिस अलर्ट पर है. जोधपुर में होटलों और धर्मशालाओं की सघन जांच की जा रही है. आसाराम के आश्रम को खाली करा लिया गया है. वहीं पूरी जांच के बाद ही प्राइवेट गाड़ियों और बसों को जोधपुर में प्रवेश करने के लिए दिया जा रहा है.

यहां तक कि पत्रकारों को भी कोर्ट रूम के अंदर जाने की इजाज़त नहीं है और न तो उन्हें कवरेज की इजाज़त दी गई है.

क्या है मामला?

यूपी के शाहजहांपुर की एक नाबालिग छात्रा मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में स्थित आसाराम के आश्रम में 12वीं में पढ़ती थी, उसने आरोप लगाया था कि आसाराम ने जोधपुर के मणई आश्रम में उसे बुलाकर उसके साथ 15 अगस्त 2013 को बलात्कार किया था. पीड़िता ने बताया था कि आसाराम ने उसकी बीमारी को ठीक करने के लिए अनुष्ठान के नाम पर उसे मणई आश्रम में बुलाया था. पीड़िता को दौरे पड़ने की बीमारी थी.

गुरुकुल की हॉस्टल वॉर्डन शिल्पी ने पीड़िता को जोधपुर के मणई आश्रम जाने की बात कही थी. वहीं मणई आश्रम आने के बाद पीड़िता के पैरेंट्स आसाराम के प्रमुख सेवक शिवा के संपर्क में रहे. पीड़िता ने बताया कि आसाराम के कमरे में जाने के बाद उसे धमकी दी गई कि अगर उनके अनुसार उसने खुद को आसाराम को नहीं सौंपा, तो उसके माता-पिता को मार दिया जाएगा. उस वक्त पीड़िता के माता-पिता आश्रम के बाहर ही बैठे थे.

घटना से बेहद डरी हुई पीड़िता ने यौन उत्पीड़न के 4 दिनों के बाद अपने माता-पिता को अपने साथ हुई आपबीती बताई. जिसके बाद परिजन 19 अगस्त 2013 को अपनी बेटी को लेकर दिल्ली के कमला मार्केट थाने पहुंचे और शिकायत दर्ज कराई.

आसाराम बापू 2013 से जोधपुर जेल में बंद हैं. उन पर आश्रम की कई लड़कियों ने रेप के आरोप लगाए, इसके कारण आसाराम के बेटे नारायण साईं को भी जेल की हवा खानी पड़ी.

गवाहों की हत्या तक हुई

आसाराम यौन उत्पीड़न केस में कई गवाहों की हत्या भी हुई, वहीं कईयों को धमकाया भी गया. आसाराम और उनके बेटे नारायण साईं पर गुजरात के सूरत की रहने वाली दो बहनों ने भी बलात्कार का आरोप लगाया था. उनके मुताबिक 2001 से 2006 के दौरान कई बार उनका यौन शोषण किया गया. 2013 में ही नारायण साईं की भी गिरफ्तारी हुई.

सूरत की पीड़िता के पति पर हमला भी हुआ, जिसमें वे गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे. आसाराम केस की सुनवाई कर रहे सेशन कोर्ट के जज मनोज कुमार व्यास और आसाराम की सुरक्षा देख रहे एसएचओ को भी धमकाया गया.

आसाराम के निजी आयुर्वेद डॉक्टर अमूर्त प्रजापति को राजकोट में अज्ञात लोगों ने गोली मारी थी. उनकी मौत हो गई थी. वे सूरज केस में गवाह थे. आसाराम के कुक अखिल गुप्ता की भी हत्या हो गई थी. वे भी सूरत केस में गवाह थे.

आसाराम के प्राइवेट डॉक्टर राहुल के सच्चन को कोर्ट परिसर में समर्थकों ने चाकू से हमला कर दिया था. वे जोधपुर केस के गवाह थे और नवंबर 2015 से लापता हैं. गुजरात केस के गवाह महेंद्र चावला को भी पानीपत में गोली मारी गई. शाहजहांपुर में कृपाल सिंह की हत्या हुई थी.