गांधीनगर/जोधपुर। उम्रकैद की सजा काट रहे संत आसाराम को गुजरात हाईकोर्ट से एक बार फिर राहत मिली है. अदालत ने स्वास्थ्य संबंधी कारणों को देखते हुए उनकी पैरोल की अवधि 21 अगस्त 2025 तक बढ़ा दी है. अब संभावना है कि जोधपुर केस को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट में भी अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ाने के लिए याचिका दायर की जाएगी, जहां पहले से ही उन्हें 12 अगस्त तक राहत दी गई है.


सुप्रीम कोर्ट पहले ही आसाराम की याचिका खारिज कर उन्हें गुजरात हाईकोर्ट का रुख करने को कह चुका था. गौरतलब है कि राजस्थान हाईकोर्ट में भी जोधपुर के बहुचर्चित नाबालिग यौन उत्पीड़न मामले में सजा स्थगन की अपील लंबित है.
जोधपुर केस में लगातार मिलती रही अस्थायी राहतें
2013 में नाबालिग लड़की से दुष्कर्म मामले में दोषी पाए जाने के बाद 2018 में जोधपुर की विशेष पॉक्सो अदालत ने आसाराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. इसके विरुद्ध राजस्थान हाईकोर्ट में अपील लंबित है, जिसकी पिछली सुनवाई 1 अगस्त को होनी थी, लेकिन टल गई.
इससे पहले जनवरी 2025 में राजस्थान हाईकोर्ट ने मेडिकल आधार पर 31 मार्च तक की अंतरिम जमानत दी थी, जिसे बाद में चरणबद्ध तरीके से बढ़ाया गया. पिछली बार 8 जुलाई को अदालत ने उन्हें 12 अगस्त तक राहत दी थी.
कौन है आसाराम? एक ‘गुरु’ से जेल तक का सफर
- आसाराम उर्फ आसुमल हरपलानी ने खुद को ईश्वर तुल्य बताया और देशभर में अपने आश्रम बनाए.
- कहा जाता है कि उसके करोड़ों अनुयायी थे, जिनमें कई प्रभावशाली नेता और अधिकारी भी शामिल थे.
- वर्ष 2013 में उसके खिलाफ यौन शोषण का गंभीर मामला सामने आया, जिसने उसकी ‘गुरु’ की छवि को तार-तार कर दिया.
क्या था मामला?
मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा स्थित स्कूल में पढ़ने वाली एक नाबालिग छात्रा ने तबीयत बिगड़ने की शिकायत की थी. वार्डन ने इसे तंत्र-मंत्र से जोड़ा और परिवार को ‘बापू’ से इलाज कराने की सलाह दी. लड़की को जोधपुर के आश्रम लाया गया, जहां 14 अगस्त 2013 को उसका यौन शोषण हुआ. इसके बाद 2 सितंबर को उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा गया.
अब तक की जमानत व पैरोल की प्रमुख घटनाएं:
- 2018: जोधपुर कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद.
- 2024: पहली बार 7 दिन की पैरोल, फिर नवंबर में 30 दिन की मेडिकल पैरोल.
- जनवरी 2025: सुप्रीम कोर्ट से 3 महीने की अंतरिम जमानत.
- मार्च-जुलाई 2025: राजस्थान व गुजरात हाईकोर्ट से चरणबद्ध अंतरिम राहतें.
अब जब गुजरात हाईकोर्ट से 21 अगस्त तक जमानत मिल चुकी है, विशेषज्ञों का मानना है कि आसाराम की कानूनी टीम राजस्थान हाईकोर्ट में भी राहत की अवधि बढ़ाने की अपील जल्द दाखिल कर सकती है.
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