समीर शेख, बड़वानी। मध्य प्रदेश के बड़वानी जिला मुख्यालय में ठीकरी ब्लॉक की आशा कार्यकर्ता और सुपरवाइजर बड़ी संख्या में कलेक्टर कार्यालय पहुंचीं। उन्होंने स्वास्थ्य अधिकारी राजेंद्र गुप्ता को 14 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में ठीकरी ब्लॉक की बी.पी.एम. रंजना मुकाती पर अभद्र व्यवहार करने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं और उन्हें पद से हटाने की मांग की गई है। 

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आशा सुपरवाइजर रेखा बागेश्वर ने बताया कि वे हर महीने अपने कार्य के आशा वाउचर बीएमओ कार्यालय, ठीकरी ब्लॉक में जमा करने का प्रयास करती हैं। हालांकि, बी.पी.एम. रंजना मुकाती द्वारा वाउचर स्वीकार नहीं किए जाते और उन्हें वहां से भगा दिया जाता है। आशा वाउचर के आधार पर ही कार्यकर्ताओं को शासन से वेतन मिलता है। कार्यकर्ताओं का आरोप है कि उन्हें हर महीने अपमानित किया जाता है और उनके साथ अभद्रतापूर्ण व्यवहार किया जाता है। बी.पी.एम. रंजना मुकाती पिछले छह माह से उन्हें प्रताड़ित कर रही हैं, जिससे उन्हें आर्थिक और मानसिक परेशानी हो रही है। आशा कार्यकर्ता के बीमार होने पर एक दिन की छुट्टी लेने पर भी उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया जाता है। 

रेखा बागेश्वर ने अपनी आपबीती सुनाते हुए कहा कि उन्हें इतना प्रताड़ित किया गया कि उन्होंने आत्महत्या करने का प्रयास किया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बी.पी.एम. मैडम ने कार्यालय में सबके सामने उन्हें गालियां दीं और गलत शब्दों का प्रयोग करते हुए अपमानित किया। मैडम आशा कार्यकर्ताओं को “कचरा” और “ढब्बा” जैसे शब्दों से संबोधित कर अपमानित करती हैं।

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नियमानुसार, आशा कार्यकर्ताओं के वाउचर हर महीने की 22 तारीख तक जमा किए जाने चाहिए, लेकिन बी.पी.एम. मैडम द्वारा 30 दिसंबर, 2025 (मूल पाठ में दी गई तिथि) तक उनके वाउचर जमा नहीं करने दिए गए हैं। यदि किसी आशा कार्यकर्ता का मासिक वाउचर 30,000 रुपये से अधिक का बनता है, तो बीएमओ और बी.पी.एम. द्वारा सभी आशा कार्यकर्ताओं के वाउचर रोक दिए जाते हैं, जिससे उनके कार्य का भुगतान नहीं हो पाता। इसके अलावा, गांव की बेटी के डिलीवरी केस लाने पर रसीद नहीं दी जाती, जिससे उन्हें डिलीवरी केस की राशि भी नहीं मिलती।

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