राजस्थान में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की एंट्री से पहले गहलोत और पायलट गुट के बीच चल रही बयानबाजी की गर्मी को केसी वेणुगोपाल जरूर ठंडा करने में कामयाब रहे. वेणुगोपाल ने दोनों नेताओं का हाथ उठाकर एकजुटता का संदेश देने की कोशिश की, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गहलोत और पायलट के बीच की अनबन सुलझी नहीं है. दोनों नेताओं के बीच मतभेद अब भी बरकरार है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट कांग्रेस आलाकमान पर उन्हें मुख्यमंत्री बनाने का दबाव बना रहे हैं. पूर्व में उन्हें महासचिव पद की पेशकश की गई थी, जिसके लिए वह तैयार नहीं थे. पायलट के करीबी नेताओं का दावा है कि पिछले एक साल में उन्हें सीएम बनाने का वादा किया गया था.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सचिन ने एक-दो माध्यमों से गांधी परिवार तक यह संदेश पहुंचा दिया है. अगर उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया तो वे पार्टी छोड़ भी सकते हैं. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि क्या पायलट बीजेपी में शामिल होते हैं या बीजेपी उन्हें पार्टी में शामिल करेगी?

सूत्रों ने क्या बताया ?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हिमाचल और गुजरात चुनाव के नतीजों का सीधा असर राजस्थान को लेकर आए फैसले पर पड़ेगा. अगर कांग्रेस हिमाचल में जीतती है और गुजरात में अच्छा प्रदर्शन करती है तो राजस्थान में बीच का रास्ता निकालने की कोशिश हो सकती है.

इस फॉर्मूले के तहत गहलोत की जगह किसी और को मुख्यमंत्री और पायलट को महासचिव बनाने पर फैसला लिया जा सकता है. हालांकि, फिर भी यह देखना होगा कि सचिन सीएम से कम के लिए राजी होते हैं या नहीं?

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