स्पोर्ट्स डेस्क– आर अश्विन टीम इंडिया के स्टार फिरकी गेंदबाजों में से एक हैं. जब से कुलदीप यादव और युजवेंन्द्र चहल टीम में आए है, अश्विन को टीम इंडिया के टेस्ट टीम में तो शामिल किया जाता है लेकिन वनडे और टी-20 टीम में शामिल नहीं किया जाता है. अश्विन ने लगातार बेहतरीन क्रिकेट खेली है, आईपीएल से लेकर टीम इंडिया तक अपनी धाक जमाई है. आईपीएल में तो अपने इसी शानदार खेल की समझ और बेहतर खेल के बदौलत किंग्स इलेवन पंजाब की पिछले सीजन में कप्तानी भी कर चुके हैं.
मौजूदा समय कोरोना काल चल रहा है, लॉकडाउन का दौर चल रहा है, ऐसे में क्रिकेटर्स के इंस्टाग्राम में लाइव चैट भी चल रहे हैं और समय समय पर क्रिकेटर्स इस दौरान अपने फैंस को अपने साथ जोड़े रखने के लिए अपने पुराने समय के राज को भी खोलते हैं जिन्हें हर कोई जानना चाहता है. अभी हाल ही में आर अश्विन ने दिल्ली कैपिटल्स के साथ इंस्टाग्राम चैट किया, जहां उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं पता कि वो कब क्रिकेट के मैदान पर उतरेंगे, लेकिन लार का इस्तेमाल करना उनके लिए स्वाभाविक है. इसके लिए लार लगाने से बचना थोड़ी अभ्यास की जरूरत तो पड़ेगी ही क्योंकि ये शुरुआत से ही आदत में है.
अश्विन आगे कहते हैं कि लेकिन मुझे लगता है कि अगर हमें साथ में रहना है, जो कि मानव जाति के डीएनए में है, तो हमें कोशिश करनी होगी और इसे अपनाना होगा. गौरतलब है कि आईसीसी की क्रिकेट समिति ने सप्ताह के शुरू में ही हुए बैठक में लार के उपयोग पर बैन लगाने की सिफारिश की थी.
कैरम बॉल को लेकर बोले अश्विन
इसके अलावा अपने कैरम बॉल को लेकर भी आर अश्विन ने खुलकर बात की. अश्विन ने कहा इस गेंद को अपने हथियार में शामिल करने के लिए उन्हें एक दो दिन नहीं बल्कि चार साल लगे. चार साल के कड़े अभ्यास के बाद वो ये गेंद करना सीख सके. अश्विन कहते हैं कि ये इन वैरिएशन के साथ लगातार काम करने और इससे निराश होने से जुड़ा है. कल्पना कीजिए कि आप अपने बीच की उंगली से कैरम खेल रहे हों और उनते ही वजन की क्रिकेट गेंद को धक्का देने की कोशिश कर रहे हैं, जिसे कम नहीं किया जा सकता है. आप इसे जोर से धकेलकर स्पिन हासिल करने की कोशिश करते हो.
आर अश्विन कहते हैं ये कोई छोटी एचीवमेंट नहीं होती है. आपकी उंगली आपके शरीर को उसे समझना होता है. उन्होंने कहा मैंने जब इस कैरम बॉल का अभ्यास किया तो मैं हर दिन इसे बेहतर करने की उम्मीद करता था, लेकिन हर दिन कई सौ गेंद करने के बाद मैं निराशा के साथ घर लौटता था कि मैंने आज जो टारगेट सेट किया था, उसे हासिल नहीं कर पाया.
अश्विन कहते हैं कि उस दौर में बहुत खीझ होती है क्योंकि आप अभ्यास करते हो और आपके उसे लेकर सपने होते हैं, लेकिन ये इतना जल्दी हासिल नहीं होता है जितनी जल्दी उसे पाने की आप उम्मीद करते हो, इसके बाद उन्होंने रिवर्स कैरम बॉल पर हाथ आजमाया, अश्विन कहते हैं कि मैंने रिवर्स कैरम बॉल करने का अभ्यास किया और अब मैं जब चाहूं, तब ऐसी गेंद फेंक सकता हूं, मैं गुगली का अभ्यास कर रहा हूं, ये सभी चीजें मेरे संयम की परीक्षा लेती हैं, लेकिन मेरा मानना है कि जब आपके धैर्य की परीक्षा होती है तब आपको अधिक कड़ी मेहनत करने की जरूरत होती है.
गौरतलब है कि आर अश्विन टीम इंडिया के स्टार खिलाड़ियों में से एक हैं और इनके तरकश में इतने तीर हैं इनकी गेंदबाजी में इतनी वैरायटी है जो इन्हें एक बेहतरीन गेंदबाज बनाती हैं.